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दिशा रवि को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से मिली जमानत
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कोर्ट ने जमानत देते हुए की बेहद अहम टिप्पणी
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सरकार की नीतियों से असहमत होने पर किसी को जेल में नहीं डाल सकते
टूलकिट मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गयी है. दिशा को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि किसान आंदोलन के लिए टूलकिट में हिंसा की कोई बात नहीं लिखी गयी थी. इसमें किसी तरह की हिंसा का जिक्र स्पष्ट रूप से नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक राष्ट्र में रहने वाले किसी जागरूक नागरिक को सिर्फ इसिलए जेल में नहीं डाला सकता है कि वो सरकार की नीतियों से असहमत थे.
18 पन्नों की जमानत याचिका में अतिक्त सत्र न्यायधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि सरकारों के जख्मी घमंड के लिए राजद्रोह का अपराध मंत्री को नहीं सौंपा जा सकता है. विचारों में मतभेद, असहमति, किसी मामले में अस्वीकृति हो सकती है, क्योंकि इसके जरिये राज्यों में निष्क्षता आती है. एक जागरूक और मुखर नागरिक होना, एक विनम्र या उदासीन नागिरक से बेहतर है क्योंकि यही लोकतंत्र के जीवंत होने का संकेत है.
न्यायधीश ने कहा कि अस्पष्ट और डरावने साक्ष्य के आधार पर वो दिशा रवि को जेल में नहीं रख सकते हैं. दिशा रवि खिलाफ कोई ऐसे सबूत नहीं मिले हैं जिसके कारण उसे जमानत नहीं दी जाये. अभियोजन पक्ष ने दिशा को और खालिस्तानी अलगाववादी समूह का पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन के बीच टूलकिट निर्माण में लिंक होने का आरोप लगाया था.
गौरतलब है कि किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया था, जिसमें हिंसा भड़की थी और ऐतिहासिक लाल किले में एक धार्मिक झंडा भी फहराया गया था. दिल्ली हिंसा की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने टूलकिट के प्रयोग का खुलासा किया था. जिसे प्रयावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट का किसानों के समर्थन टूलकिट का प्रयोग किया था.
टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शनिवार को बेंगलुरु से 22 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया था. इसी क्रम में लॉयर एक्टिविस्ट निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया गया है. रविवार को दिशा रवि को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें पुलिस के पांच दिन की रिमांड में भेजा गया था.
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Posted By: Pawan Singh