कोरोना महामारी और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए देश के कई राज्यों ने त्योहारों में पटाखा फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है.कई ऐसे भी राज्य हैं जहां पर पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि कई ऐसे राज्य हैं जिन्होंने आयातित पटाखों के उपयोग पर रोक लगाया है. यहां जाने किन राज्यों में किस तरह के प्रतिबंध लगाये गये हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इन दिनों प्रदूषण का स्तर खतरनाक के लेवल आगे बढ़ चुका है. प्रत्येक साल दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का जो हाल होता है वो किसी से छिपा नहीं है. इस बार दिल्ली कोरोना संक्रमण का सामना कर रहा है, इसके अलावा बढ़ते प्रदूषण ने दिल्ली की हवा बिगाड़ दी है. इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को 30 नवंबर तक सभी पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को ट्वीट किया कि उनकी सरकार ने कोविड-19 रोगियों के स्वास्थ्य की रक्षा और जनता को जहरीले धुएं से बचाने के लिए पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, राज्य सरकार ने आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने की भी घोषणा की है.
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राजस्थान के ओडिशा सरकार ने भी, 10-30 नवंबर से पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की.सरकार ने एक आदेश में कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और अन्य संबंधित कानूनों के प्रावधान के तहत दंडित किया जाएगा.
पश्चिम बंगाल: गुरुवार को, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में कोविड-19 के प्रसार की जांच करने के लिए काली पूजा, दिवाली और छठ पूजा पर पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया. “अदालत ने इस साल काली पूजा, दिवाली और छठ पूजा के दौरान पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही इस साल कोई विसर्जन जुलूस नहीं निकालने के लिए कहा गया है.
महाराष्ट्र ने शुक्रवार को दिवाली के दौरान कोविड -19 के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए. सरकार ने नागरिकों से पटाखे नहीं फोड़ने की अपील की है. हालांकि, मुंबई में, राज्य की राजधानी के नागरिक निकाय, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह शहर में सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाएगा. बीएमसी ने उल्लंघन करने वालों को दंडित करने की चेतावनी भी दी है.
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इस बीच, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने “आयातित” पटाखों की बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है. दूसरी ओर, कर्नाटक द्वारा राजस्थान की घोषणा की गई तर्ज पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है.
मालूम हो कि एनजीटी ने इस मामले में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और बंगाल से जवाब मांगा है नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की पीठ ने कहा कि सभी संबंधित राज्य जहां हवा की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है, वे ओडिशा और राजस्थान की तरह कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं.
Posted By : Pawan Singh