Diwali 2024: देश में दिवाली के त्योहार को लेकर उत्साह का माहौल है. अयोध्या के दिवाली का इंतजार देशभर के लोगों को होता है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 30 अक्टूबर को ‘दीपोत्सव-2024’ में अयोध्या 28 लाख दीपों से जगमग होगी जिसको लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. इस बीच एक कार्यक्रम में मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार दिवाली बहुत खास होने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद प्रभु रामलला के भव्य अयोध्या मंदिर में विराजमान हुए हैं और इसके बाद यह पहली दिवाली है.
सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय (CMO) ने मंगलवार की सुबह सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर ”सबका उत्सव-अयोध्या दीपोत्सव” नारे के साथ एक पोस्ट शेयर किया. इसमें कहा गया कि दीपोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं… दीये लगाए जा रहे हैं… कलाकारों के लेजर, साउंड, ड्रोन शो का ट्रायल जारी है.
28 लाख दीप जलाने का टारगेट
अयोध्या में सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं. प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार स्वयं इसकी निगरानी खुद कर रहे हैं. अयोध्या में दीपोत्सव-2024 का यह 8वां साल है. इसकी शुरुआत 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद हुई. इस बार अयोध्या में सरयू तट के घाटों पर 28 लाख दीप जलाने का टारगेट रखा गया है.
रामलला के मंदिर में जलेगा खास तरह का दीपक
इसी साल 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य नवनिर्मित मंदिर में भगवान श्री रामलला की प्रतिष्ठा की गयी. रामलला के मंदिर में इस बार एक खास तरह का दीपक जलाने की योजना तैयार की गई है. नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पहली दीपावली के लिए भव्य और ‘पर्यावरण के अनुकूल’ तैयारियां चल रही हैं. योगी सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर को आकर्षक फूलों से सजाया जाएगा. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मंदिर भवन के परिसर में विशेष मोम के दीपक जलाए जाएंगे, जिनसे कार्बन का कम से कम उत्सर्जन होगा.
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राम नगरी में अध्यात्म, परंपरा व संस्कृति का संगम दिखेगा
इस दीपोत्सव में राम नगरी में अध्यात्म, परंपरा व संस्कृति का संगम नजर आएगा. 30 अक्टूबर को रामकथा पार्क स्थित मुख्य मंच पर उत्तराखंड की रामलीला के साथ छह देशों… म्यांमा, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे. दीपोत्सव पर अन्य राज्यों के कलाकारों की भी प्रस्तुति होगी. इसमें मध्य प्रदेश की निधि चौरसिया की टीम बधावा पर, असम की सनहल देवी बीहू पर, महाराष्ट्र की श्रद्धा लावणी पर, तेलंगाना के श्रीधर विश्वकर्मा गुसादी पर, झारखंड के सृष्टिधर महतो व टीम छाऊ नृत्य पर, बिहार की महिमा झिझिंया पर, राजस्थान की ममता देवी कालबेलिया/घूमर लोक नृत्य पर, जम्मू के मोहम्मद यसीन और उनकी टीम रउफ लोकनृत्य पर प्रस्तुति देंगे.
(इनपुट पीटीआई)