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DLC 3.0: अब और आसानी से जमा होगा जीवन प्रमाणपत्र, फोन के जरिए हो जाएगा फेस ऑथेंटिकेशन, डीएलसी अभियान 3.0 हो रहा शुरू

DLC 3.0: पेंशनरों को अब नहीं लगाने पड़ेंगे कई विभागों के चक्कर. न तो उन्हें लंबी लाइनों में लगना पड़ेगा. अब फोन से ही फेस ऑथेंटिकेशन हो जाएगा. बड़ी आसानी से उनका जमा हो जाएगा जीवन प्रमाणपत्र. राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 के जरिए सब कुछ हो जाएगा आसान.

DLC 3.0: पेंशनरों को जीवित प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब विभिन्न विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से पेंशन भोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक को बढ़ावा देने का काम शुरू किया जा रहा है. नवंबर 2024 में राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 शुरू किया जा रहा है. बता दें, फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए पेंशनभोगी किसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन से अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं.

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने साल 2014 में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र और नवंबर 2021 में फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया. इस प्रगति से दूसरे बाहरी बायोमेट्रिक उपकरणों की जरूरत खत्म हो गई. जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया भी काफी सरल हो गई. पहले अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए पेंशन भोगियों को पेंशन संवितरण प्राधिकरणों के पास खुद जाना होता था. इससे पेंशनभोगियों खासकर वयोवृद्धों को काफी परेशानी होती थी. उन्हें लंबी कतारों में काफी देर तक इंतजार भी करना पड़ता था.

विभाग ने साल 2022 में देशभर के 37 शहरों में एक राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की. जिसमें 1.41 करोड़ से भी अधिक डीएलसी जनरेट किए गए. नवंबर, 2023 में आयोजित डीएलसी अभियान 2.0 में 100 शहरों को कवर करते हुए करीब 1.47 करोड़ डीएलसी जनरेट किए गए. इस साल डीएलसी अभियान 3.0 (1 से 30 नवंबर, 2024 तक आयोजित की गई है. देशभर के 800 शहरों और जिलों में शिविर लगाए गए हैं. इस अभियान में सभी बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, पेंशनभोगी कल्याण संघ, यूआईडीएआई, मेटी, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दूरसंचार विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. देश के विभिन्न शहरों में कई स्थानों पर शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि पेंशनभोगियों को अपना जीवन प्रमाण डिजिटल रूप से जमा करने में मदद की जा सके. साथ ही वयोवृद्ध और निशक्त पेंशन भोगियों के घर जाकर उनके डीएलसी जमा करने में मदद करने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे. इस अभियान का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर भी किया जाएगा, जिसकी निगरानी विभाग द्वारा डीएलसी पोर्टल के माध्यम से की जाएगी.

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले या वयोवृद्ध पेंशन भोगियों तक पहुंचना है ताकि उन्हें भी इस तकनीक की जानकारी हो सके और इसका लाभ मिल सके. वर्ष 2024 में जमशेदपुर और रांची, झारखंड में भी यह शिविर आयोजित किया जा रहा है. ये शिविर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जमशेदपुर शहर और बैंक ऑफ इंडिया की ओर से रांची के कई स्थानों पर 19 और 20 नवंबर 2024 को लगाए जा रहे हैं. इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की ओर से ये शिविर जीपीओ बिष्टुपुर, जमशेदपुर और जीपीओ रांची में लगाया जा रहा है. पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अवर सचिव विशाल कुमार 19 नवंबर 2024 को जमशेदपुर और 20 नवंबर 2024 को रांची के शिविरों का दौरा करेंगे. वो जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए विभिन्न डिजिटल तरीकों जैसे फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक के बारे में पेंशनभोगियों को जानकारी देंगे. यूआईडीएआई इन शिविरों में पेंशनभोगियों के आधार रिकार्डों को अपडेट करने में मदद करेगा. साथ ही डीएलसी जनरेशन में होने वाली तकनीकी समस्याओं का भी समाधान करेगा.

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