डॉ रणदीप गुलेरिया ने बेवजह सीटी-स्कैन नहीं कराने की दी सलाह.
बार-बार सीटी स्कैन कराने से हो सकता है कैंसर.
होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें.
नयी दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नयी दिल्ली (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने बेवजह सीटी-स्कैन (CT-SCAN) नहीं कराने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण हैं वो सीटी-स्कैन न कराएं. बिना वजह शरीर को स्कैनिंग के रेडिएशन का सामना कराना ठीक नहीं है. इससे कैंसर भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि हलके लक्षण वाले मरीज घर पर ही दवाओं का सेवन करें.
रणदीप गुलेरिया लगातार लोगों को कोरोना को लेकर जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने पहले भी कहा है कि केवल गंभीर लक्षण वाले मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है. अफवाहों पर ध्यान देकर पैनिक न हों. हल्के लक्षण वाले रोगी डॉक्टर की सलाह से दवाई लें और घर पर ही आइसोलेशन में रहकर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें.
गुलेरिया ने कहा कि सीटी-स्कैन और बायोमार्कर का दुरुपयोग किया जा रहा है. हल्के लक्षण होने पर सीटी-स्कैन कराने का कोई फायदा नहीं है. एक सीटी-स्कैन 300 चेस्ट एक्स-रे के बराबर है, यह बहुत हानिकारक है. रेडिएशन से हमारे शरीर पर गंभीर दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं. होम आइसोलेशन में रह रहे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें. सेचुरेशन 93 या उससे कम हो, बेहोशी जैसे हालात हों या छाती में दर्द हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज बताया गया कि देश में रिकवरी रेट बढ़ रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में ऑक्सीजन की किल्लत से निपटने के लिए सरकार वृहत योजना पर काम कर रही है. देश के कई नाइट्रोजन प्लांट को ऑक्सीजन प्लांट में बदलने का काम चल रहा है.
उन्होंने बताया कि काफी मात्रा में अस्थायी कोविड केयर सेंटर बनाये जा रहे हैं, जहां ऑक्सीजनयुक्त बेड होंगे. उन्होंने कहा कि दो मई को देश में रिकवरी रेट 78 प्रतिशत था तो 3 मई को बढ़कर 82 प्रतिशत हो गया है. उम्मीद है आने वाले समय में रिकवरी रेट मे और भी बढ़ोतरी होगी. ऐसे में हम मामले को आसानी से संभाल सकेंगे.
Posted By: Amlesh Nandan.