मल्टीसिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MSI-C) एक ऐसी बीमारी है जो कोरोना से रिकवरी कर चुके बच्चों में पायी जा रही है और जिससे बच्चों के शरीर के कई महत्वपूर्ण अंग जैसे हार्ट, फेफड़े और मस्तिष्क पर प्रभावित हो रहे हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हमें यह शुरुआत में पता चल जाये कि बच्चा मल्टीसिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम से पीड़ित है तो उसका इलाज आसानी से संभव है अन्यथा बीमारी बढ़ जाती है. विशेषज्ञों ने बच्चों के माता-पिता को आगाह करते हुए कहा है कि अगर आपके बच्चे को बुखार हो तो उसे नजरअंदाज ना करें और अगर बुखार ज्यादा दिनों तक रहे तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.
ऐसा भी देखा गया है कि जिन बच्चों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे उन्हें भी मल्टीसिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम की शिकायत हुई. इसलिए यह जरूरी है कि अपने बच्चों पर ध्यान दें. इस सिंड्रोम में शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में सूजन हो जाती है और बच्चे को बुखार, पेट दर्द और लूज मोशन जैसी शिकायते होती है. साथ ही उन्हें सांस लेने में भी परेशानी होती है.
मल्टीसिस्टम इनफ्लेमेटरी सिंड्रोम ज्यादा 5-15 साल तक के बच्चों को अपना शिकार बना रहा है, हालांकि यह बीमारी इससे कम उम्र के बच्चों में भी देखी गयी है. यही वजह है कि डॉक्टर चिंतित हैं और इससे बच्चों को बचाना चाहते हैं. कोरोना वायरस के थर्ड वेव में बच्चों पर ज्यादा असर की आशंका से भी डॉक्टर चिंतिंत हैं. हालांकि विशेषज्ञों का ये कहना है कि अगर वैक्सीन सही तरीके से लगाया जाये और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन हो तो थर्ड वेव बच्चों पर उतना असर नहीं कर पायेगा.
Posted By : Rajneesh Anand