ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को चिकित्सा के लिए काफी मुश्किल होती है. अस्पताल तक पहुंचने के लिए उन्हें कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. ऐसे में कभी कभी हालात बद से बदतर हो जाते हैं. उत्तराखंड के नैतीताल के पहाड़ी इलाकों की ग्रामीण गर्भवती महिलाएं भी ऐसी ही हालात से दो चार होती रहती है. लेकिन अब सरकार ने इनकी हालत देखते हुए इसपर द्यान देना शुरू कर दिया है.
गर्भवती महिलाओं की विवशता को देखते हुए प्रशासन ने एक नई पहल की है. प्रशासन ने उनके लिए डोली सेवा शुरु की है. इसके लिए नैनीताल के जिलाधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए पास के अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 5 सौ डोलियों की व्यवस्था करने को कहा है. इसके लिए जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को 10 लाख रुपये की भी दिये हैं.
डोलियों की व्यवस्था उन इलाकों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है सड़क और अस्पताल की सुविधा पास में नहीं है. इन इलाकों में रामगढ़, ओखलकांडा, बेतालघाट, भीमताल समेत कई और इलाके शामिल हैं. जहां यह शुरूआत की गई है. यह नई शुरुआत अपने आप में खास है. नैनीताल के अलावा उत्तराखंड में ऐसी सुविधा किसी औऱ जिले में फिलहाल नहीं है.
इसके अलावा गर्भवती महिला को डोली में अस्पताल तक पहुंचाने वाले व्यक्ति को दो हजार रूपये का इनाम देने की भी व्यवस्था की गई है. सबसे खास बात यह है कि डोली सेवा वहां-वहां उपलब्ध होगी जो इलाके की निकटवर्ती सड़क से एक किलोमीटर से ज्यादा दूर होंगे.
गर्भवती महिलाओं को डोली से अस्पताल पहुंचाने शुरुआत महिलाओं के लिए काफी लाभकारी है. इलाके के डीएम का कहना है कि धारी, रामगढ़, ओखलकांडा और बेतालघाट जैसे इलाकों में गर्भवती महिलाओं को सड़क तक लाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनके लिए डोली ही सहारा होती है.
गौरतलब है कि कुर्सी या चारपाई पर बीमार, बुजुर्ग या गर्भवती महिला को संकरे रास्तों से लाने में खासी दिक्कत होती है. इसमें मरीज के गिरने की भी संभावना बनी रहती है. ऐसे में डोली की व्यवस्था होने से गर्भवती महिलाएं कई परेशानियों से बच जाएंगी
Posted by: Pritish sahay