डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को व्हाइट हाउस (White House) को अलविदा कह दिया. इसके साथ ही अमेरिका के इतिहास में उनके कार्यकाल की एक ऐसी दागदार विरासत अंकित हो गयी, जैसी पहले कभी नहीं देखी गयी. ट्रंप को उनकी अप्रत्याशित नेतृत्व क्षमता, समर्थकों और विरोधियों को समान रूप से लक्षित कर दिये गये विभाजनकारी बयानों के लिए और एक ऐसे राष्ट्रपति के रूप में जाना जायेगा, जिन पर दो बार महाभियोग चलाया गया.
रियल एस्टेट कारोबारी से नेता बने 74 वर्षीय ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में सत्ता के गलियारों में राजनीति के नियमों में बड़े फेरबदल किये. कार्यकाल समाप्त होने के कुछ दिन पहले ही अमेरिकी संसद पर समर्थकों द्वारा हिंसा भड़काने के आरोप में उन्हें दूसरी बार महाभियोग झेलना पड़ा.
ट्रंप ने फ्लोरिडा में पाम बीच स्थित अपने मार-ए-लागो एस्टेट को व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अपना स्थायी आवास बना लिया. ट्रंप ने 1985 में एक करोड़ डॉलर में यह घर खरीदा था. फोर्ब्स के मुताबिक, वर्तमान में इसकी कीमत 1150 करोड़ रुपये से अधिक है. करीब 20 एकड़ में फैले इस स्टेट में 128 कमरे हैं.
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ट्रंप ने मंगलवार को विदाई भाषण में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनायीं. साथ ही उन्होंने बाइडेन को जीत की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि हमने अमेरिका की ताकत को घर में कायम किया और बाहर भी अमेरिकी नेतृत्व को नयी ऊंचाइयों तक ले गये. ट्रंप ने कहा कि हमने जो आंदोलन शुरू किया है, वह केवल शुरुआत है. ट्रंप ने अमेरिकी कैपिटल पर हुए हमले की भी निंदा की.
ट्रंप के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने एक सलाह में भारत को चीन और रूस से आगाह किया है. पोंपियो ने ट्वीट किया, ‘ब्रिक्स याद है? चलिए जायर बोल्सोनारो और नरेंद्र मोदी को धन्यवाद. ‘बी’ और ‘आइ’ दोनों को पता है कि ‘सी’ और ‘आर’ उनके लोगों के लिए खतरा है.’ बता दें कि ब्रिक्स यानी कि ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका का संगठन है. उन्होंने जाते-जाते स्पष्ट संकेत किया कि चीन और रूस ब्राजील और भारत के लिए खतरा पैदा करते