नयी दिल्ली: अरविंद केजरीवाल की सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि आतिशबाजी को धर्म से नहीं जोड़ें. लोगों को सांस लेने दें. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को विपक्षी दलों से अपील की कि वे आतिशबाजी को धर्म से नहीं जोड़ें. राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए बच्चों व बुजुर्गों की जान जोखिम में नहीं डालें.
उन्होंने केंद्र से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को दिवाली के दौरान पराली जलाने से रोकने के लिए अनिवार्य परामर्श जारी करने का आग्रह भी किया. श्री राय ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के कुछ लोग पटाखे जलाने को धर्म से जोड़कर आम आदमी पार्टी सरकार की प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को नाकाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं पूरी करना चाहते हैं. मैं उनसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि दिल्ली के बच्चों तथा बुजुर्गों की जिंदगी से खिलवाड़ न करें. राजनीति करने के लिए कई अन्य मुद्दे हैं. कृपया लोगों को सांस लेने दें.’ गोपाल राय ने कहा, ‘दिवाली, दीयों का त्योहार है, पटाखे जलाने का नहीं.’
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श्री राय ने कहा कि जब कोरोना वायरस संक्रमण फैलना शुरू हुआ था, तब देश भर में उपासना स्थल बंद कर दिये गये. उन्होंने कहा, ‘यह धर्म का मामला नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी से जुड़ा हुआ है.’ मंत्री ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल सरकार लोगों की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रख रही है और इसके साथ-साथ बच्चों व बुजुर्गों की जान भी बचा रही है.’
दिल्ली सरकार ने आतिशबाजी के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए 27 अक्टूबर को ‘पटाखे नहीं दीये जलाओ’ अभियान शुरू किया था. पटाखे जलाने में संलिप्त पाये जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के संबद्ध प्रावधानों और विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 28 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों की बिक्री व उन्हें जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था. मंत्री ने कहा कि दिल्ली में दीपावली से एक दिन पहले वायु गुणवत्ता पिछले पांच साल की तुलना में सबसे बेहतर है.
गोपाल राय ने कहा, ‘अनुकूल मौसमी दशाएं और सरकार के प्रदूषण रोधी अभियान को लोगों के समर्थन के कारण ही अक्टूबर में पांच साल में सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता रही.’ पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘मैं केंद्र से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को कम से कम दिवाली के दौरान पराली जलाने से रोकने के लिए एक अनिवार्य परामर्श जारी करने का भी आग्रह करता हूं, ताकि त्योहार के बाद लोग आसानी से सांस ले सकें.’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में अक्टूबर में औसतन वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) 173 थी, जो पिछले पांच साल की तुलना में सबसे कम थी. साथ ही कहा कि अक्टूबर महीने की औसत एक्यूआई, 2020 में 265, 2019 में 234, 2018 में 269 और 2017 में 284 थी. उन्होंने कहा कि 13,000 किलोग्राम से अधिक अवैध पटाखे जब्त किये गये हैं और पटाखा रोधी अभियान के तहत 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
धूल से होने वाले प्रदूषण के रोकथाम अभियान के तहत धूल नियंत्रण मानदंडों का उल्लंघन करने वाले 406 निर्माण स्थलों पर 1.23 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. श्री राय ने कहा कि पूसा निर्मित जैव- अपघटक जो 15 से 20 दिनों में पराली को खाद में बदल सकता है, उसका दिल्ली में 1,700 एकड़ कृषि भूमि पर छिड़काव किया गया है.
Posted By: Mithilesh Jha