मॉक ड्रिल के दौरान आगरा में 22 मरीजों की मौत की खबर गलत, सोशल मीडिया पर अस्पताल कर्मियों का वीडियो वायरल, डॉ अरिजंय ने दी सफाई
आगरा के पारस अस्पताल के डॉ अरिजंय जैन ने अपने वायरल वीडियो पर सफाई दी है और कहा है कि उन्होंने मॉक ड्रिल करवाया था ताकि यह देखा जा सके कैसे हम मरीजों को कम से कम आक्सीजन पर रख सकते हैं. लेकिन इस मॉक ड्रिल में 22 लोगों की मौत की खबर बिलकुल ही निराधार है, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था.
आगरा के पारस अस्पताल के डॉ अरिजंय जैन ने अपने वायरल वीडियो पर सफाई दी है और कहा है कि उन्होंने मॉक ड्रिल करवाया था ताकि यह देखा जा सके कैसे हम मरीजों को कम से कम आक्सीजन पर रख सकते हैं. लेकिन इस मॉक ड्रिल में 22 लोगों की मौत की खबर बिलकुल ही निराधार है, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था.
हालांकि, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है कि आगरा के पारस हॉस्पिटल के स्टाफ की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है. हॉस्पिटल के बाहर खड़े लोगों पर अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा हमला किया गया है. अस्पताल के कर्मचारियों ने परिसर के बाहर खड़े लोगों की जमकर पिटाई की है. इस वीडियो में यह सवाल किया जा रहा है कि आखिर ऐसे माहौल में प्रशासन कहां सोया हुआ था?
हम यह प्रयास कर रहे थे कि आक्सीजन की कमी के बीच कैसे उसका बेहतर इस्तेमाल किया जा सके. यह एक क्लीनिकल एक्सरसाइज था जिसमें यह देखा जा रहा था कि कम से कम आक्सीजन में भी कैसे बेहतर व्यवस्था बनायी जा सकती है.
डॉ जैन ने कहा कि यह वीडियो अप्रैल महीने का है, जब प्रदेश में कोरोना का सेकेंड वेव चरम पर था और आक्सीजन की कमी से पूरा देश जूझ रहा था. उन्होंने कहा कि जो वीडियो वायरल है उसमें मैंने गलती से मॉक ड्रिल कहा है जो मुझे नहीं कहना चाहिए था. यह एक असेसमेंट था कि कैसे मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा सके.
Also Read: कोरोना के थर्ड वेव का बच्चों पर गंभीर असर होगा इसके कोई प्रमाण नहीं, डॉ रणदीप गुलेरिया ने दिया भरोसा
हमारे पास काफी आक्सीजन था और बेडसाइट के आक्सीजन की भी व्यवस्था थी. हमने यह तैयारी भी कर रखी थी कि अगर किसी को आक्सीजन की सख्त जरूरत हो, तो तुरंत उसे कैसे आक्सीजन दिया जाये, यह बस एक असेसमेंट था.
गौरतलब है कि आज सुबह से ही यह खबर चल रही थी कि आगरा के एक अस्पताल में मॉक ड्रिल कराया गया था जिसमें आक्सीजन बंद करने से 22 मरीजों की मौत हो गयी. जिसके बाद डॉ अरिजंय की यह सफाई आयी है.