डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है. इस दिन को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन के 65 सालों में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, औद्योगिक, संवैधानिक आदि क्षेत्रों में अनगिनत कार्य करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कई ऐसे काम किए, जिन्हें आज भी हिंदुस्तान याद रखता है. अंबेडकर जयंती के अवसर पर जानते हैं कि उन्होंने राष्ट्र निर्माण में क्या क्या कार्य किए. डॉ. अंबेडकर कहते थे ‘शिक्षित बनो !, संगठित रहो!, संघर्ष करो!’ आइये जानते हैं डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनमोल विचारों को-
1) पानी की बूंद जब सागर में मिलती है तो अपनी पहचान खो देती है. इसके विपरीत व्यक्ति समाज में रहता है पर अपनी पहचान नहीं खोता. इंसान का जीवन स्वतंत्र है। वो सिर्फ समाज के विकास के लिए पैदा नहीं हुआ बल्कि स्वयं के विकास के लिए भी पैदा हुआ है.
2) यदि हम आधुनिक विकसित भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों को एक होना पड़ेगा
3) इतिहास गवाह है जब नैतिकता और अर्थशाश्त्र के बीच संघर्ष हुआ है वहां जीत हमेशा अर्थशाश्त्र की होती है. निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो.
4) आदि से अंत तक हम सिर्फ एक भारतीय हैं।
5) उदासीनता लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बीमारी है।
6) न्याय हमेशा समानता के विचार को पैदा करता है।
7) एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से कहीं बेहतर है।
8) जाति कोई ईंटों की दीवार या कोई कांटों का तार नहीं है, जो हिंदुओं को आपस में मिलने से रोक सके।जाति एक धारणा है, जो मन की एक अवस्था है।
9) बुद्धि का विकास ही मनुष्य की प्रगति का आखिरी लक्ष्य होना चाहिए।