60 हजार करोड़ का कृषि ऋण माफ करने वाले पीएम डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुए थे ये 5 बड़े फैसले
Dr Manmohan Singh News: एक झटके में किसानों के 60 हजार करोड़ रुपए कृषि ऋण माफ करने वाले प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में और भी कई बड़े फैसले हुए थे.
Dr Manmohan Singh News|डॉ मनमोहन सिंह को भारत की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने वाले वित्त मंत्री के रूप में जाना जाता है. उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की. बाद में डॉ मनमोहन सिंह 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उनके कार्यकाल में यूपीए सरकार ने कई अहम फैसले किए, जिसने देश की दशा और दिशा बदल दी. ऐसी ही योजनाओं में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा), सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई), आधार की सुविधा, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) और कृषि ऋण माफी शामिल हैं.
कृषि ऋण माफी
कृषि संकट चरम पर था. कर्ज में डूबे देश के किसान आत्महत्या कर रहे थे. ऐसे समय में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने कर्ज में डूबे किसानों को राहत देने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया. यूपीए की सरकार ने 60,000 करोड़ की कृषि ऋण माफी का ऐलान किया. वर्ष 2008 में कृषि ऋण माफी से देश के लाखों किसान लाभान्वित हुए.
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम
डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने वर्ष 2005 में एक ऐतिहासिक फैसला किया. ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले हर परिवार को 100 दिन के रोजगार की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम (नरेगा) लेकर आए. इससे लाखों लोगों को रोजगार मिला. ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में भी सुधार आया.
आधार की सुविधा
सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आज जिस दस्तावेज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, उसका नाम है – ‘आधार’. इस आधार की शुरुआत डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने की थी. इसकी शुरुआत देश के हर नागरिक को विशिष्ट पहचान देने के लिए और विभिन्न सेवाओं तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए की गई थी.
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण
सरकारें आज लोगों को सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के पैसे सीधे उनके खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) ट्रांसफर करती है. इस डीबीटी की शुरुआत भी डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही हुआ था. उनकी इस पहल ने सरकारी योजनाओं में लीकेज रोकने में बड़ी भूमिका निभाई.
सूचना का अधिकार अधिनियम
वर्ष 2005 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने नागरिकों को सरकारी संस्थानों से जानकारी मांगने का अधिकार दिया था. सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) से शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिला.
92 साल की उम्र में डॉ मनमोहन सिंह ने ली अंतिम सांस
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने गुरुवार की रात 92 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. उनके निधन से देश में शोक की लहर दौड़ गई. प्रख्यात अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री के निधन की जानकारी पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर दी. आज ही देर शाम तबीयत बिगड़ने पर उनको एम्स में भर्ती कराया गया था.
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