नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने आज कहा कि कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज पर सरकार समय और परिस्थिति के अनुसार वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर निर्णय करेगी.
आज स्वास्थ्यमंत्री ने संसद में कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर जरूरत और परिस्थितियों को देखते हुए वैक्सीन के बूस्टर डोज को स्वीकृति दी जायेगी. ओमिक्रॉन के खतरे पर डॉ पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के लक्षण शुरुआती दौर में काफी माइल्ड होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह परेशानी का सबब भी बने हैं, ओमिक्रॉन के बारे में अभी कुछ भी कहना कठिन है.
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए वैक्सीन के बूस्टर डोज की डिमांड काफी बढ़ गयी है. हालांकि वैक्सीन के बूस्टर डोज को अभी सरकार की स्वीकृति नहीं मिली है.
Health Minister has said in the parliament, the need, the timing, and the nature of boosting if any will be based on the scientific decision, thinking: Dr VK Paul, Member-Health, Niti Aayog on Booster dose #COVID19 pic.twitter.com/bPhJcuVD44
— ANI (@ANI) December 22, 2021
आईएलबीएस अस्पताल दिल्ली के डॉ एस के सरीन ने कहा कि मेरे विचार में वैक्सीन का बूस्टर डोज जरूरी है. जब आप वैक्सीन की दो डोज लेते हैं तो 3 से 6 महीने के बाद वैक्सीन की प्रभावकारिता कम हो जाती है, ऐसे में वैक्सीन के बूस्टर डोज की जरूरत होती है. अगर आप बूस्टर डोज लिये होते हैं तो निश्चत तौर पर कोरोना के गंभीर लक्षण उभरने और अस्पताल में भरती होने की आशंका घटती है.
डॉ एसके सरीन ने कहा कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए हमें भारत में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइनवर्कर्स को बूस्टर डोज देने की जरूरत है. साथ ही जिन लोगों को कोई बीमारी है उन्हें भी वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जाना चाहिए.
Also Read: School Closed News: ओमिक्रॉन की वजह से इस राज्य में बंद होंगे स्कूल! जानें गुजरात और दिल्ली का हाल
गौरतलब है कि कल केंद्र के द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा गया है जिसमें यह कहा गया है कि ओमिक्रॉंन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से तीन गुना अधिक संक्रामक है. ओमिक्रॉन का प्रसार ना हो इसके लिए सरकार ने राज्यों को कई तरह की पाबंदियां लगाने की सलाह भी दी है. जिसमें नाइट कर्फ्यू, शादी और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या कम करने के निर्देश भी शामिल हैं.