नई दिल्ली : भारत में 18 जुलाई 2022 दिन सोमवार को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान होगा. देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से झारखंड की पहली महिला पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, करीब 17 राजनीतिक दलों वाले विपक्ष की ओर से पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को साझा उम्मीदवार तय किया गया है. झारखंड की सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का समर्थन मिल जाने के बाद द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने वाले दलों की वोट हिस्सेदारी करीब 75 फीसदी के पार पहुंच गई है. इसी के साथ, इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में उनकी जीत पक्की मानी जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि द्रौपदी मुर्मू अगर राष्ट्रपति के इस चुनाव में जीत दर्ज कर लेती हैं, तो उनके नाम कम से तीन रिकॉर्ड दर्ज हो जाएंगे. हालांकि, इससे पहले उनके नाम झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का रिकॉर्ड दर्ज है.
ओडिशा के सबसे पिछले जिले मयूरभंज से निकलकर भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू अगर यह चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बन जाती हैं, तो उनके नाम तीन रिकॉर्ड दर्ज होगा. पहला यह वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला राजनीतिज्ञ होंगी. इसके साथ ही उनके नाम दूसरी उपलब्धि आजादी के बाद जन्म लेने वाले राजनेताओं में से पहली राष्ट्रपति बनने की होगी और तीसरा रिकॉर्ड सबसे युवा महिला राष्ट्रपति बनने का होगा.
बता दें कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की. आदिवासी समुदाय से आने वाली मुर्मू के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है. वहीं, यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाने वाले विपक्ष में नए सिरे से विभाजन नजर आ रहा है. इससे द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी होता दिखाई दे रहा है. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि झारखंड से झामुमो का समर्थन मिल जाने के बाद राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने वाले दलों की वोट हिस्सेदारी 75 फीसदी के पार पहुंच गई है.
Also Read: Presidential Election 2022: द्रौपदी मुर्मू को JMM के समर्थन के साथ जानें झारखंड में वोटों का गणित
बता दें कि आगामी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू जीत हासिल करती हैं, तो वह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी. वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनी थीं. यह उनके सार्वजनिक जीवन का एक रिकॉर्ड है. एक महिला राज्यपाल के तौर पर उन्होंने वर्ष 2015 से लेकर 2021 तक कार्य किया. द्रौपदी मुर्मू 2013 से 2015 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य रह चुकी हैं. इसके बाद वर्ष 2010 और 2013 में मयूरभंज (पश्चिम) के भाजपा जिला प्रमुख के रूप में कार्य किया. वर्ष 2006 और 2009 के बीच वह ओडिशा में भाजपा के एसटी मोर्चा की प्रमुख थीं. वह 2002 से 2009 तक भाजपा एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं.