DRDO:रक्षा क्षेत्र में भारत तेजी से स्वदेशी हथियारों का निर्माण कर रहा है. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन(डीआरडीओ) ने चौथी पीढ़ी के अति आधुनिक वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम का सफलतापूर्वक तीन टेस्ट किया है. राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में इसका परीक्षण किया गया. यह परीक्षण तेज गति वाले टारगेट के खिलाफ किया गया और परीक्षण सभी मानकों पर सफल रहा और इससे पता चला कि इसकी हिट टू किल क्षमता अच्छी है.
इस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के विकास का काम पूरा हो चुका है और इसके विकास और उत्पादन के लिए दो एजेंसियों का चयन किया गया है. देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य के तहत इस सिस्टम का जल्द उत्पादन शुरू होगा. इस एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को आसानी से कहीं से कहीं लाया जा सकता है और इसका डिजाइन और विकास, रिसर्च सेंटर इमारत(आरसीआई) ने डीआरडीओ और डेवलपमेंट कम प्रोडक्शन पार्टनर के तहत किया गया है. इसके विकास से सेना के तीनों अंग शुरू से जुड़े रहे हैं.
आधुनिक तकनीक से लैस है यह सिस्टम
इस सिस्टम की सफलता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, सैन्य बल और इसमें शामिल उद्योग को सफल परीक्षण की बधाई दी. यह मिसाइल आधुनिक तकनीक से लैस है और इससे भारतीय सेना को वायु खतरों से निपटने में मजबूती मिलेगी. इसमें रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम, आधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम के अलावा कई अन्य नयी तकनीक का प्रयोग किया गया है. गौरतलब है कि वायुसेना प्रमुख भी ईरान-इजरायल युद्ध को देखते हुए एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने की बात कह चुके है. भारत रूस से एस-400 सिस्टम की खरीद कर रहा है. रूस से तीन एस-400 सिस्टम की यूनिट मिल चुकी है और अगले साल दो यूनिट मिलने की संभावना है. लेकिन रक्षा मंत्रालय स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम के विकास पर भी काम कर रहा है.