रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research & Development Organisation) ने शुक्रवार को ओड़िशा के चांदीपुर तट पर वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (VL-SRSAM) का सफल परिक्षण किया. डीआडीओ ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह मिसलाइल लगभग 15 किमी की दूरी से दुश्मन को लक्ष्ति कर मार सकता है. डीआरडीओ के अनुसार इस हथियार प्रणाली के शुरू होने से हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों को सुरक्षित रखा जा सकेगा.
Vertical Launch Short Range Surface to Air Missile (VL-SRSAM) was successfully flight tested today by Defence Research & Development Organisation (DRDO) & Indian Navy. The launch was conducted from Indian Naval Ship, off the coast of Chandipur, Odisha: DRDO officials pic.twitter.com/fzr8w4Pniv
— ANI (@ANI) June 24, 2022
वीएल- एसआरएसएएम (VL-SRSAM) एक जहाज से चलने वाली हथियार प्रणाली है, जो समुद्री स्किमिंग टारगेट सहित सीमा पर हवाई खतरों को बेअसर कर पाने में सक्षम है. डीआरडीओ के अनुसार शुक्रवार को वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल का प्रक्षेपण एक उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य की नकल करने वाले विमान के खिलाफ किया गया था, जो सफलतापूर्वक लगा हुआ था.
डीआरडीओ के अनुसार आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात कई ट्रैकिंग उपकरणों का उपयोग करके स्वास्थ्य मानकों के साथ वाहन के उड़ान पथ की निगरानी की गई. परीक्षण लॉन्च की निगरानी DRDO और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई की गई थी. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने वीएल-एसआरएसएएम के सफल उड़ान परीक्षण के लिए भारतीय नौसेना और डीआरडीओ की सराहना की और कहा कि इस स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के विकास से भारतीय नौसेना की रक्षात्मक क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओऔर उद्योग को सफल उड़ान परीक्षण के लिए बधाई दी है और कहा है कि इस प्रणाली ने एक कवच जोड़ा है जो हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा क्षमता को और बढ़ाएगा. उन्होंने कहा भारतीय नौसेना के लिए यह हथियार प्रणाली मील का पत्थर साबित होगा. वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने सफल उड़ान परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना की.