Cruise Missile: दुश्मनों की खैर नहीं, DRDO ने क्रूज मिसाइल का किया सफल परीक्षण

DRDO Cruise Missile: DRDO ने ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR), चांदीपुर से स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज़ मिसाइल (ITCM) का सफल उड़ान परीक्षण किया.

By ArbindKumar Mishra | April 18, 2024 6:12 PM
an image

Cruise Missile: दुश्मनों की अब खैर नहीं है. क्योंकि DRDO ने स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल (ITCM) का सफल परीक्षण कर दिया है. यह मिसाइल 500 किलोमीटर तक लक्ष्य साधने में सफल है. रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन ने बताया, परीक्षण के दौरान सभी उपप्रणालियों ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया. मिसाइल की निगरानी के लिए आईटीआर द्वारा विभिन्न स्थानों पर तैनात रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर द्वारा की गई थी. मिसाइल की उड़ान की निगरानी IAF Su-30-Mk-I विमान द्वारा भी की गई. परीक्षण से यह भी साबित हुआ कि गैस टरबाइन रिसर्च इस्टेबस्टलिसमेंट संस्थान द्वारा विकसित स्वदेशी प्रोपल्शन सिस्टम सटीक तरीके से काम करने में सफल रहा. खास बात है कि इस मिसाइल में एडवांस एवियोनिक्स सिस्टम, सॉफ्टवेयर लगा हुआ ताकि यह सटीक निशाना लगा सके.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई दी

मिसाइल का परीक्षण डीआरडीओ के विभिन्न लैब के वैज्ञानिकों ने देखा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी.

चार अप्रैल को बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-प्राइम’ का हुआ था सफल परीक्षण

भारत ने इसी महीने 4 अप्रैल को ओडिशा अपतटीय क्षेत्र में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम नयी पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-प्राइम’ का सफल परीक्षण किया था. सामरिक बल कमान (एसएफसी) ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर 1,000 से 2,000 किमी की मारक क्षमता वाली मिसाइल का उड़ान परीक्षण किया था.

अग्नि-पांच मिसाइल की मारक क्षमता 5,000 किमी

अग्नि-पांच मिसाइल की मारक क्षमता 5,000 किमी तक है. मिसाइल की जद चीन के उत्तरी भाग समेत लगभग पूरे एशिया और साथ ही यूरोप के कुछ क्षेत्रों तक है. वहीं, अग्नि-1 से अग्नि-4 श्रेणी की मिसाइलों की मारक क्षमता 700 किमी से 3,500 किमी तक है और इन्हें पहले ही तैनात किया जा चुका है.

पिछले साल जून में भारत ने ‘अग्नि प्राइम’ का सफल परीक्षण किया था

भारत ने पिछले साल अप्रैल में, अपने महत्वाकांक्षी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम के तहत बंगाल की खाड़ी में ओडिशा अपतटीय क्षेत्र में एक जहाज से ‘एंडो-ऐटमौसफेयरिक इंटरसेप्टर मिसाइल’ का पहला सफल परीक्षण किया था. समुद्र में मिसाइल के परीक्षण का उद्देश्य बैलिस्टिक मिसाइल के खतरे से मुकाबला करना था। इस परीक्षण के बाद भारत ऐसी क्षमता रखने वाले देशों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया. भारत पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमा के अंदर और बाहर किसी शत्रु की तरफ से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता विकसित कर रहा है.

Exit mobile version