Loading election data...

दुश्मनों के मिसाइल हमले होंगे बेअसर, युद्धपोतों की सुरक्षा के लिए DRDO ने बनाया कवच

DRDO ने इस टेक्नोलॉजी के तीन प्रकार विकसित किए हैं – शॉर्ट रेंज शौफ रॉकेट (SRCR), मीडियम रेंज शौफ रॉकेट (MRCR) और लॉन्ग रेंज शौफ रॉकेट (LRCR).

By Prabhat Khabar News Desk | April 6, 2021 9:29 AM
an image

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है. अब भारत के समुद्री जहाजों काे दुश्मन के मिसाइल कुछ नहीं कर पायेंगे. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने दुश्मन के मिसाइल हमले के खिलाफ नौसेना के जहाजों की सुरक्षा के लिए एक एडवांस चॉफ टेक्नोलॉजी विकसित की है. इसे डीआरडीओ की जोधपुर लैब में तैयार किया गया है.

इसके लिए छोटी दूरी, मध्यम दूरी और लंबी दूरी के तीन चॉफ रॉकेट विकसित किये गये हैं. ये चाॅफ रॉकेट दुश्मनों के मिसाइल का पता लगाकर हवा में ही इसे नष्ट कर देंगे. यह फाइटर जेट में लगे एंटी मिसाइल सिस्टम की तरह काम करता है. चॉफ रॉकेट की खासियत यह है कि दुश्मन के मिसाइल का पता लगते ही ये हवा में उड़ जाते हैं और उसे काफी दूर पर ही नष्ट कर देते हैं.

Also Read: Chhattisgarh Maoist Attack : बीजापुर मुठभेड़ में शहीद हुए 2 तेलगु CRPF जवानों की जल्द होने वाली थी शादी, घर में पसरा मातम

इसका प्रयोग पूरी दुनिया में होता है और यह जहाज में लगे मिसाइल ट्रैकर सिस्टम से जुड़ा होता है. एडवांस चाॅफ टेक्नोलॉजी रेडियाे फ्रीक्वेंसी और इंफ्रारेड टेक्नोलॉजी के जरिये मिसाइलों का पता लगाता है. यही नहीं इस तकनीक के प्रयोग से दुश्मनों को धोखा देने में भी मदद मिलती है और उनके मिसाइल के रुख को मोड़ा भी जा सकता है. डीआरडीओ ने सोमवार को कहा कि नौसेना की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इसे बनाया गया है.

DRDO ने इस टेक्नोलॉजी के तीन प्रकार विकसित किए हैं – शॉर्ट रेंज शौफ रॉकेट (SRCR), मीडियम रेंज शौफ रॉकेट (MRCR) और लॉन्ग रेंज शौफ रॉकेट (LRCR). वहीं नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ एडमिरल अशोक कुमार ने कम समय में स्वदेशी और महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए DRDO के प्रयासों की सराहना की है और थोक उत्पादन के लिए मंजूरी दे दी है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उपलब्धि के लिए DRDO और भारतीय नौसेना और उद्योग को बधाई दी.

Posted by : Rajat Kumar

Exit mobile version