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DRDO ने 2-डीजी दवा की तकनीक फार्मा कंपनियों को सौंपी, जानें खासियत

डीआरडीओ के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने कहा कि कोविड-19 के इलाज के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित दवा 2 डीजी की निर्माण तकनीक फार्मा कनियों को सौंपी जा रही है ताकि यह दवा ज्यादा से ज्यादा मरीजों तक पहुंच सके.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2021 6:04 AM
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोविड 19 के मरीजों का इलाज करने के लिए विकसित की गयी दवा 2डीजी की तकनीक फार्मा कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है. यह जानकारी पीटीआई न्यूज के हवाले से मिली है.

डीआरडीओ के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने कहा कि कोविड-19 के इलाज के लिए डीआरडीओ द्वारा विकसित दवा 2 डीजी की निर्माण तकनीक फार्मा कनियों को सौंपी जा रही है ताकि यह दवा ज्यादा से ज्यादा मरीजों तक पहुंच सके.

उन्होंने इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि 2 डीजी दवा को डीआरडीओ की ग्वालियर स्थित प्रयोगशाला में विकसित किया गया है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 की यह दवा बनाने की तकनीकी सात-आठ फार्मा कंपनियों को सौंपी गयी है.

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भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने इन कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी भी दे दी है. रेड्डी ने कहा कि डीआरडीओ की ग्वालियर स्थित प्रयोगशाला ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाई है और महामारी के भारी प्रकोप के वक्त इसमें बेहद कम समय में सैनिटाइजर, मास्क और पीपीई किट भी विकसित किये थे.

2 डीजी दवा की खासियत

2 डीजी की विशेषता यह है कि इसे इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है. यह एक सैशे में मिलता है जिसे बस घोलकर पीना होता है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इसके प्रयोग से मरीजों में रिकवरी जल्दी होती है और उन्हें आॅक्सीजन की जरूरत भी कम पड़ती है. 2डीजी दवा की डोज पांच से सात दिन की होती है और इसे ग्लूकोज की तरह पीया जाता है.

Posted By : Rajneesh Anand

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