DRDO ने हवा से हवा में मार करनेवाली मिसाइल पाइथन-5 का किया सफल परीक्षण, हथियारों के बेड़े में किया गया शामिल
DRDO, Missile python-5, Tejas : नयी दिल्ली : डीआरडीओ ने हवा से हवा में मार करनेवाली मिसाइल पाइथन-5 का परीक्षण बुधवार को किये जाने के बाद हथियारों के बेड़े में शामिल कर लिया गया. भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस का 27 अप्रैल, 2021 को सफल परीक्षण किया गया था. यह हवा से हवा में मार करनेवाला 5वीं पीढ़ी का पाइथन-5 मिसाइल है.
नयी दिल्ली : डीआरडीओ ने हवा से हवा में मार करनेवाली मिसाइल पाइथन-5 का परीक्षण बुधवार को किये जाने के बाद हथियारों के बेड़े में शामिल कर लिया गया. भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस का 27 अप्रैल, 2021 को सफल परीक्षण किया गया था. यह हवा से हवा में मार करनेवाला 5वीं पीढ़ी का पाइथन-5 मिसाइल है.
#WATCH Firing of the Python-5 Air to Air missile by the Light Combat Aircraft Tejas during trials pic.twitter.com/zbZEmbEEiV
— ANI (@ANI) April 28, 2021
परीक्षण से पहले तेजस में लगी एवियोनिक्स, फायर-कंट्रोल रडार, मिसाइल वेपन डिलीवरी सिस्टम और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम जैसे विमान प्रणालियों के साथ मिसाइल के समन्वय का आकलन करने के लिए बेंगलुरु में मिसाइल ढुलाई में सक्षम उड़ानों का व्यापक परीक्षण किया गया था.
गोवा में सफल परीक्षण के बाद काल्पनिक लक्ष्य पर मिसाइल का लाइव प्रक्षेपण किया गया. सभी पहलुओं के साथ-साथ दृश्य सीमाओं से परे लक्ष्य को निशाना बनाने की क्षमता का आकलन करने के लिए पाइथन-5 मिसाइल के लाइव फायरिंग का आयोजन किया गया था. सभी लाइव फायरिंग में मिसाइल पाइथन-5 ने हवाई लक्ष्यों को मार गिराया.
इन मिसाइलों को नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर से संबद्ध भारतीय वायु सेना के टेस्ट पायलटों द्वारा उड़ाये गये एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के तेजस विमान से दागा गया था. परीक्षण का आयोजन में सीईएमआईएलएसी, डीजी-एक्यूए, आईएएफ पीएमटी, एनपीओ और आईएनएस हंसा के सहयोग के साथ-साथ एडीए और एचएएल-एआरडीसी के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों की टीम का योगदान सराहनीय रहा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, एडीए, भारतीय वायु सेना, एचएएल की टीमों और परीक्षण में शामिल सभी लोगों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने विभिन्न संगठनों और उद्योग के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के प्रयासों की सराहना की.