DRDO 2DG Drug रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कोरोना की दवा 2 डीजी (2-Deoxy-D-Glucose) के उत्पादन के लिए 4 फार्मा कंपनियों को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर किया है. केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में इस बारे में जानकारी दी.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्रालय की ओर से मंगलवार को लोकसभा में बताया गया कि डीआरडीओ ने अपनी कोरोना वायरस की दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2DG) के उत्पादन के लिए चार फार्मा कंपनियों को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर किया है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की इस दवा को मध्यम और गंभीर लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिली थी. इस दवा को डीआरडीओ की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलायड साइंस (INMAS) ने डॉ रेड्डीज लैब के साथ मिलकर तैयार किया.
DRDO has transferred the technology to produce 2DG drug, which was given emergency use authorization as adjunct therapy in moderate to severe COVID-19 patients, to 4 pharma companies other than Dr Reddy's: Ministry of Chemicals & Fertilizers in Lok Sabha
— ANI (@ANI) July 20, 2021
बता दें कि फिलहाल इस दवा का उत्पादन डॉ रेड्डीज लैब द्वारा किया जा रहा है. डीआरडीओ ने इस दवा को बनाने की तकनीक भारतीय दवा कंपनियों को हस्तांतरित करने के लिए पिछले महीने एक्सप्रेशन ऑफ इन्टेरेस्ट आमंत्रित किया था. भारतीय दवा नियामक DCGI कोरोना के सामान्य और गंभीर मरीजों के इलाज में 2-DG के इस्तेमाल की इजाजत 1 मई को पहले ही दे चुका है. ये दवा मुंह से ली जाती है.
कोरोना के चलते अस्पताल में भर्ती मरीजों पर इस दवा का असर पॉजिटिव पाया गया. इससे उन्हें जल्दी रिकवरी करने में मदद मिली. इतना ही नहीं इस दवा की वजह से उनकी ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम हुई. कोविड-19 की मौजूदा दूसरी लहर में बड़ी संख्या में मरीजों में ऑक्सीजन पर गंभीर निर्भरता और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत दिखाई दी है.
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