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गंभीर बीमारी को भगाओ, कोरोना को हराओ : स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने टीबी मुक्त भारत अभियान के भागीदारों के साथ की बैठक

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विश्वस्त सूत्रों की ओर से मिल रही जानकारी के अनुसार, 2020 की फरवरी के बाद से देश में कोरोना महामारी के प्रवेश के बाद से लेकर अब तक भारत सरकार इसके कारणों को जानने के प्रयास में जुटी हुई थी, लेकिन अब वह शायद इसकी जड़ों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. इसीलिए अब वह कोरोना महामारी से बचाव के उपाय को मुहैया कराने के साथ ही उन गंभीर बीमारियों को दूर करने के प्रयास में जुट गई है, जिसकी वजह से देश के ज्यादातर लोग संक्रमण के शिकार हो रहे हैं या फिर लाखों की संख्या में मौत हो रही है.

नई दिल्ली : कोरोना महामारी की वजह से भारत में अब तक करीब 3,00,82,778 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 3,91,981 लोगों की मौत हो चुकी है. महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान किए गए अध्ययनों और मीडिया की खबरों से मिल रही जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण के बाद उन मरीजों की मौत हो रही है, जो पहले से ही किसी न किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं. चाहे वे दिल के मरीज हो या फिर टीबी के ही क्यों न हों. स्वस्थ होकर ज्यादातर वैसे लोग घर लौट रहे हैं, जिनका शरीर गंभीर रोग से ग्रस्त नहीं है.

महामारी के दौरान किए गए अध्ययनों के आधार पर अब यह देखा जा रहा है कि अगर कोरोना को हराना है, तो पहले भारत से गंभीर बीमारियों को भगाना होगा. चाहे वह महिलाओं के गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाली कमजोरी (फर्टिलिटी इश्यू) हो, पुरुष-महिलाओं में शुगर, हर्ट, किडनी, कैंसर, टीबी आदि जैसी गंभीर बीमारियां हों. पहले इन गंभीर बीमारियों को दूर भगाना जरूरी है, तभी कोरोना महामारी को मात दिया जा सकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विश्वस्त सूत्रों की ओर से मिल रही जानकारी के अनुसार, 2020 की फरवरी के बाद से देश में कोरोना महामारी के प्रवेश के बाद से लेकर अब तक भारत सरकार इसके कारणों को जानने के प्रयास में जुटी हुई थी, लेकिन अब वह शायद इसकी जड़ों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. इसीलिए अब वह कोरोना महामारी से बचाव के उपाय को मुहैया कराने के साथ ही उन गंभीर बीमारियों को दूर करने के प्रयास में जुट गई है, जिसकी वजह से देश के ज्यादातर लोग संक्रमण के शिकार हो रहे हैं या फिर लाखों की संख्या में मौत हो रही है.

इसी सिलसिले में गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सबसे पहले टीबी मुक्त भारत अभियान के विकास भागीदारों के साथ बैठक की. समाचार एजेंसी एएनआई के ट्वीट के अनुसार, इस बैठक में डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि हमें 2025 तक देश से टीबी को ख़त्म करने के लिए विभिन्न स्तरों पर सफल प्रोटोटाइप विकसित करना होगा. इसके लिए विकास भागीदारों को अलग प्रकार की ज़िम्मेदारी दी गई है.

उन्होंने कहा कि टीबी को खत्म करना संभव है, क्योंकि जब भारत ने चेचक और पोलियो को खत्म करने के बारे में सोचा होगा, तो बहुत सारे लोगों को ये असंभव लगता था, लेकिन भारत ने इन दोनों को खत्म करके दिखाया.

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Posted by : Vishwat Sen

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