जल्द ही दिल्ली वालों को एक बार ड्राइवरलेस मेट्रों में बैठने का मौका मिलेगा. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने यह जानकारी दी . ड्राइवरलेस मेट्रो की यह यात्रा पहले से लंबी होगी इस बार 59 किमी की यात्रा होगी. पिछली बार मेट्रो 39 किमी तक ड्राइवरलेस चली थी. यह मौका साल 2021 के मध्य में मिलेगा. इस बार ट्रेन पिंक लाइन पर चलेगी इससे पहले जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच 37 किमी लंबी मैजेंटा लाइन को पहले ही ड्राइवरलेस मेट्रो बनाया जा चुका है.
पिंक लाइन पर चलेगी ड्राइवरलेस मेट्रो
पिंक लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो चलाने की इजाजत मिल गयी है. अब इसकी तैयारी की जा रही है. मजलिस पार्क से शिव विहार को जोड़ने वाली 59 किमी लंबी पिंक लाइन पर मेट्रो से यात्रा करने वालों की संख्या काफी है.
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पिछले साल ही 28 दिसंबर, 2020 को दिल्ली मेट्रो ने जनकपुरी पश्चिम से चलकर बॉटेनिकल गार्डन जाने वाली मेट्रो मजेंटा लाइन को ड्राइवरलेस मेट्रो में परिवर्तित कर दिया गया है. प्रधानमंत्री ने इसका उद्धाटन किया और हरी झंडी दिखायी थी.
समझें कैसे चलता है मेट्रो
दिल्ली मेट्रो परिचालन में अब भी रिमोट कंट्रोल की अहम भुमिका है. डीएमआरसी के मुताबिक रिमोट कंट्रोल के जरिये ही कमरे में बैठकर मेट्रो को नियंत्रित किया जाता है. यहां इंजीनियरों की टीम पूरे नटवर्क पर नजर रखती है. अगर इसे आसान भाषा में समझना हो तो ऐसे समझा जा सकता है कि हवाई जहाज के सफल संचालन में एयर ट्रैफिक कंट्रोल अहम भूमिका निभाता है वैसे ही यह कंट्रोल रूम मेट्रो के परिचालन पर कड़ी नजर रखता है.
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डीएमआरसी के पास अभी तीन ओसीसी हैं, जिनमें दो मेट्रो मुख्यालय के अंदर और एक शास्त्री पार्क में मौजूद है. ट्रेन में ड्राइवर के पास किनता कंट्रोल रहता है यह उस पर तय होता है कि वह किस लाइन पर चल रहा है . मेट्रो में रेड लाइन और ब्लू लाइन पर ड्राइवर का कंट्रोल ज्यादा होता है। वो ट्रेन की स्पीड से लेकर दरवाजे खुलने और बंद करने तक को कंट्रोल करते हैं.