Driving License news : माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंड (mild to medium colour blindness) हैं, तो भी अब कार या बाइक चलाने के लिए लाइसेंस मिल जायेगा. केंद्र सरकार (Road Transport and Highways Ministry) ने इन्हें भी ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License ) जारी करने का फैसला किया है. इस विषय में रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है. मंत्रालय के इस फैसले से केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 में संशोधन (notification for amendment in the Central Motor Vehicles Rules) किया गया है. हालांकि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को यह बताना होगा कि वह माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंड है, न कि सीरियस कलर ब्लाइंड.
फॉर्म 1 और 1 ए में बदलाव: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक अब माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंड होने का मतलब यह नहीं कि उसे डीएल नहीं जारी किया जायेगा. मंत्रालय ने इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन कानून में संशोधन करते हुए संबंधित गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. कलर ब्लाइंडनेस की समस्या वाले लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के फॉर्म 1 और 1ए में बदलाव कर दिया है ताकि इन्हें ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा सके.
क्या होता है कलर ब्लाइंडनेस: कलर ब्लाइंडनेस का मतलब है कि ऐसे लोगों को अलग-अलग रंगों की पहचान में कुछ दिक्कत आती है. सामान्य लोगों के मुकाबले रंगों में अंतर करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है. हालांकि उन्हें देखने में ऐसी कोई खास परेशानी नहीं होती है. हालांकि सामान्य लोगों के मुकाबले कुछ अंतर होता है.
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मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट होगा जरूरी: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नेत्र रोग विशेषज्ञ से सुझाव लेने के बाद इस पर फैसला लिया गया है. पहले ड्राइविंग लाइसेंस के फॉर्म 1 और 1ए में कुछ ऐसे सवाल थे, जो कि ऐसे लोगों को लाइसेंस जारी करने की राह में रोड़ा बने हुए थे. अब इन फार्मों को संशोधित कर दिया गया है. हालांकि, आवेदक के लिए मेडिकल फिटनेस का सर्टिफिकेट जरूरी होगा जिसके आधार पर लाइसेंस जारी होगा.
Posted By : Amitabh Kumar