ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए नहीं देना होगा ड्राइविंग टेस्ट, सड़क परिवहन मंत्रालय के नये नियमों से इनको होगा फायदा
नयी दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने शुक्रवार को मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों के लिए अधिसूचना जारी की है. इसके तहत पेशेवर और मान्यताप्राप्त ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जायेगी. ये नियम एक जुलाई 2021 से लागू होंगे. इन केंद्रों पर उम्मीदवारों को उच्च गुणवत्ता का ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया जायेगा और ट्रैफिक नियमों की पढ़ाई करायी जायेगी. इन केंद्रों पर परीक्षण में सफल उम्मीदवार को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करते समय फिर से ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा.
नयी दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने शुक्रवार को मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों के लिए अधिसूचना जारी की है. इसके तहत पेशेवर और मान्यताप्राप्त ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जायेगी. ये नियम एक जुलाई 2021 से लागू होंगे. इन केंद्रों पर उम्मीदवारों को उच्च गुणवत्ता का ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया जायेगा और ट्रैफिक नियमों की पढ़ाई करायी जायेगी. इन केंद्रों पर परीक्षण में सफल उम्मीदवार को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करते समय फिर से ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा.
जारी अधिसूचना के अनुसार मान्यता प्राप्त सेंटर्स को दी गयी मान्यता पांच साल के लिए लागू रहेगी और इसका नवीकरण किया जा सकेगा. लाइट मोटर वाहन चालक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम चार सप्ताह में 29 घंटे की होगी. पाठ्यक्रम को थ्योरी और प्रैक्टिकल दो श्रेणियों में बांटा जायेगा. मध्यम और भारी मोटर वाहनों के लिए पाठ्यक्रम की अवधि छह सप्ताह में 38 घंटे की होगी. पाठ्यक्रम के दौरान ड्राइवरों को सड़क पर दूसरे वाहन चालकों के साथ कुशल व्यवहार और अनुशासन की भी जानकारी दी जायेगी.
मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों की मुख्य विशेषताएं
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उम्मीदवारों को उच्च गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए केंद्र सिमुलेटर और समर्पित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक से लैस होगा.
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इन केंद्रों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत आवश्यकताओं के अनुसार रेमिडियल और रिफ्रेशर कोर्स का लाभ उठाया जा सकता है.
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इन केंद्रों पर सफलतापूर्वक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय ड्राइविंग टेस्ट की आवश्यकता से छूट दी जायेगी, जो वर्तमान में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में लिया जाता है.
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इससे ड्राइवरों को ऐसे मान्यता प्राप्त ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों से प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
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सड़क नियमों की जानकारी के अभाव में जो सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, उससे निजात मिलेगी. और कुशल ड्राइवरों की कमी दूर होगी.
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बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वालों को अब कड़े कौशल परीक्षणों का एक सेट पास करने की आवश्यकता है, जिसमें एक वाहन को इसके लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए उचित सटीकता के साथ रिवर्स में चलाना शामिल है. सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के योग्य होने के लिए (उत्तीर्ण प्रतिशत) 69 प्रतिशत निर्धारित किया गया है.
इसी साल मार्च में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद को सूचित किया था कि 50 से अधिक मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूल या संस्थान ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए परिवहन विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा अधिकृत हैं. उन्होंने कहा था कि वास्तविक ड्राइविंग कौशल परीक्षण शुरू होने से पहले, ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर ही भौतिक/लाइव प्रदर्शन के अलावा, सभी एडीटीटी (स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक) में स्थापित एलईडी स्क्रीन पर एक प्रदर्शन दिखाया गया है.
रिवर्स गियर वाले वाहन के मामले में, वाहन को पीछे की ओर चलाते हुए, इसे एक सीमित क्षेत्र में या तो दाएं या बाएं नियंत्रण करना होता है और उचित सटीकता के साथ वाहन को फिर से मोड़ लेना होता है. यह ड्राइविंग कौशल परीक्षण में योग्यता के मापदंडों में से एक है. यह केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के प्रावधानों के अनुसार है. इसके अलावा, ड्राइविंग कौशल परीक्षण के लिए नियुक्ति के समय आवेदकों को ड्राइविंग कौशल परीक्षण डेमो के लिए एक वीडियो लिंक प्रदान किया जाता है.
Posted By: Amlesh Nandan.