Drone Purchase: भारत और अमेरिका ने रक्षा सहयोग को और मजबूती दी है. बाइडेन प्रशासन की ओर से 31 एमक्यू9बी प्रीडेटर ड्रोन के अधिग्रहण के लिए रक्षा मंत्रालय को फाइनल लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस (एलओए) भेजा है. जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने इस सप्ताह भारत को करीब 4 अरब डॉलर के अधिग्रहण के लिए वर्गीकृत एलओए भेजा है. वाशिंगटन और दिल्ली स्थित अधिकारियों के हवाले से मीडिया में यह खबर चल रही है. मैन्युफैक्चरर के साथ अमेरिका द्वारा 31 सशस्त्र ड्रोनों की तय कीमत के साथ अंतिम एलओए 11 मार्च को रक्षा मंत्रालय को भेजा गया था. इसमें रिपोर्टों को खारिज किया गया कि सौदा बिडेन प्रशासन द्वारा रोक दिया गया था. पहले जो खबर आई थी उसके अनुसार, खालिस्तानी कट्टरपंथी जीएस पन्नून की हत्या की कथित साजिश के आरोप भारत पर लगने के बाद यह सौदा रोकने का काम किया गया था.
अमेरिकी समझौते पर सांसदों की ओर से कोई वीटो नहीं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने 1 फरवरी को ड्रोन सौदे को अधिसूचित किया था, लेकिन मसौदा एलओए को अमेरिकी सांसदों की संभावित आपत्तियों के लिए 30 दिनों के लिए रखने का काम किया गया था. भारत के साथ अमेरिकी समझौते पर सांसदों की ओर से कोई वीटो नहीं देखने को मिला जिसके बाद अंतिम एलओए भारत को भेजा गया.
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खास बातें जानें
- एलओए भेजा जा चुका है.
- सौदे का अध्ययन भारतीय नौसेना द्वारा किया जाएगा.
- इसकी कीमत संतोषजनक पाए जाने पर रक्षा मंत्री के माध्यम से अनुमोदन के लिए सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) को भेजने का काम किया जाएगा.
- सशस्त्र बलों के बीच समझौते के अनुसार भारतीय नौसेना को 16 एमक्यू 9बी ड्रोन मिलेंगे.
- भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना को आठ-आठ ड्रोन मिलेंगे.
- भारत ने 31 ड्रोन खरीदने का फैसला किया है. इसमें 171 हेल-फायर एजीएम 114 आर मिसाइलों, लेजर गाइडेड बम, मिसाइल लॉन्चर, ग्राउंड स्टेशन, पनडुब्बी रोधी सोनोबॉय शामिल है.