Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बीते शुक्रवार को रमा देवी महिला विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुई. इस दौरान उन्होंने अपने उन दिनों को याद किया जब उन्होंने एक छात्र के रूप में इस विश्वविद्यालय में बिताया था. महिलाओं की विविध भूमिका पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महिला सशक्तिकरण अब कोई नारा नहीं है, बल्कि यह काफी हद तक एक वास्तविकता बन गई है. उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर के यूनिट-2 गर्ल्स स्कूल में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उसने चार साल तक इस संस्थान में पढ़ाई की.
राष्ट्रपति ने कहा, “उस समय के शिक्षकों का प्यार और स्नेह अविस्मरणीय है.” राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि वह अभी भी उस समय के कई सहपाठियों के संपर्क में हैं और कहा कि यह महान शिक्षण संस्थान उनके जीवन में हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहा है. विश्वविद्यालय की छात्राओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें छात्राओं के रूप में, यानी महिलाओं के प्रतिनिधि के रूप में गर्व महसूस करना चाहिए.
राष्ट्रपति ने कहा, “भारत में महिलाओं ने युगों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. परिवार के प्रबंधन से लेकर देश के शासन तक, साहित्य, संगीत और नृत्य से लेकर नेतृत्व तक, महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी ताकत साबित की है. महिला सशक्तिकरण अब एक नारा नहीं है, यह काफी हद तक एक वास्तविकता बन गई है. लड़कियां न केवल हमारे लड़कों के बराबर हैं, बल्कि कुछ क्षेत्रों में वे लड़कों से भी आगे हैं.”
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राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. राष्ट्रपति ने कहा, “यह खुशी की बात है कि पंचायत से लेकर संसद तक सभी लोकतांत्रिक संस्थानों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है. यह हमारे लोकतंत्र की एक बड़ी उपलब्धि है कि पहली बार महिला सांसदों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है. यह देश के लोकतंत्र के भविष्य के लिए एक अच्छा संकेत है.” राष्ट्रपति ने छात्रों को अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने की सलाह दी.