Drug Trafficking: रोकने के लिए डिजिटल माध्यमों को बढ़ावा दे रही है सरकार

Drug Trafficking: देश के सभी पुलिस थानों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम बनाया गया है जिससे आम लोग ड्रग्स संबंधी शिकायतों के बारे जानकारी हासिल कर सके.

By Anjani Kumar Singh | August 7, 2024 7:00 PM

Drug Trafficking: देश में ड्रग्स तस्करी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रहे हैं. ड्रग्स तस्करी पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून बनाने के साथ ही डिजिटल माध्यम का प्रयोग करने पर जोर दिया जा रहा है. इस कारोबार पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सूचना तकनीक के कई माध्यमों का प्रयोग कर ड्रग्स रोकथाम कानून के क्रियान्वयन करने के लिए कदम उठाया है. इस प्रयास के तहत  जिला, राज्य, केंद्रीय मंत्रालय और ड्रग्स के रोकथाम में लगी कानूनी एजेंसियों के बीच जानकारी साझा करने के लिए नार्को कॉर्डिनेशन पोर्टल बनाया गया गया है, जिसमें इस अपराध से जुड़ी हर जानकारी उपलब्ध करायी जाती है. इसके अलावा ड्रग्स कारोबार में शामिल अपराधियों के रिकॉर्ड के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक एकीकृत डेटाबेस ‘निदान’ बनाया गया है. देश के सभी पुलिस थानों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम बनाया गया है. इस सिस्टम पर आम लोग ड्रग्स संबंधी शिकायतों के बारे जानकारी हासिल कर सकते हैं. साथ ही नेटवर्क पर ड्रग्स से जुड़े जांच रिपोर्ट, मामलों का विश्लेषण, शोध, नीति और लोगों को जागरूक करने संबंधी जानकारी उपलब्ध है. 

डार्क नेट के बढ़ते खतरे से निपटने की तैयारी

डार्क नेट और क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सरकार ने मल्टी एजेंसी सेंटर के तहत एक टास्क फोर्स का गठन किया है. इसके अलावा नार्को आतंकवाद का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है. नार्को तस्करी पर लगाम लगाने के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बनाने एक प्लेटफार्म बनाया गया है. इस प्लेटफार्म पर नार्को तस्करी में शामिल लोगों से जुड़ी तमाम जानकारी केंद्रीय डेटाबेस पर उपलब्ध होती है. ताकि इस मामले से जुड़े अपराधी की सारी जानकारी एक क्लिक पर किसी थाने में पता चल सके. आम लोगों की सहभागिता बढ़ाने के लिए 1933 हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर आम नागरिक ड्रग्स से जुड़ी शिकायत कर सकते हैं. 

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