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DU: गरीब छात्र और छात्राओं को लैपटॉप और टैबलेट का किया गया वितरण 

दिल्ली विश्वविद्यालय फाउंडेशन के पहले ‘समर्पण समारोह’ का आयोजन शनिवार को किया गया. इस दौरान ‘सशक्त बेटी’ और ‘ई-दृष्टि’ योजना के जरिये केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वविद्यालय की छात्राओं (अनाथ अथवा एकल बालिकाओं) और दृष्टिबाधित छात्रों को लैपटॉप और टैबलेट का वितरण किया.

DU: दिल्ली विश्वविद्यालय फाउंडेशन के पहले ‘समर्पण समारोह’ का आयोजन शनिवार को किया गया. इस दौरान ‘सशक्त बेटी’ और ‘ई-दृष्टि’ नाम से दो योजनाओं को शुरू किया गया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘सशक्त बेटी’ और ‘ई-दृष्टि’ के तहत विश्वविद्यालय की छात्राओं (अनाथ अथवा एकल बालिकाओं) और दृष्टिबाधित छात्रों को लैपटॉप और टैबलेट का वितरण किया. लगभग 300 लैपटॉप और 300 टैबलेट वितरित किए गए. साथ ही विश्वविद्यालय के लिए समर्पित एक एंबुलेंस और ‘कमेमोरेटिव वॉल्यूम ऑफ डोनर्स क्रॉनिकल 2024’ का विमोचन किया गया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगले एक दो वर्षों में डीयू फाउंडेशन के कॉर्पस में 100 करोड़ रुपये होना चाहिए और इसके लिए मंत्रालय भी प्रयास करेगा. केंद्र सरकार शिक्षा पर खर्च बढ़ा रही है और आने वाले दिनों में इसे और भी बढ़ाया जाएगा. दिल्ली के राेशनपुरा में बनने वाले कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने के लिए डीयू का धन्यवाद करते हुए कहा कि सावरकर का देश भक्त के रूप में अपना एक रास्ता था. सरकार इतिहास को बदलना नहीं चाहते, बल्कि इतिहास को बड़ा करना चाहती है.

इतिहास भविष्य के लिए दर्पण होता है और डीयू इसमें बड़ी भूमिका निभा रहा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीयू पहले से उत्तरी और दक्षिणी परिसर थे, अब पूर्वी और पश्चिमी परिसरों की नींव भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी है. इस अवसर पर सांसद मनोज तिवारी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे और कार्यक्रम की अध्यक्षता डीयू कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने की. 


समाज के वंचित छात्रों को सशक्त बनाना है लक्ष्य


दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है. डीयू फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई सशक्त बेटी परियोजना का लक्ष्य विश्वविद्यालय में पढ़ रही हैं वैसी छात्राओं को लैपटॉप प्रदान करके सशक्त बनाना है, जो या तो अनाथ हैं या 4 लाख रुपये से कम आय वाली एकल बेटी संतान हैं. यह परियोजना न केवल दूरस्थ शिक्षा की सुविधा प्रदान करती है बल्कि डिजिटल साक्षरता को भी बढ़ाती है. ई-दृष्टि के तहत दृष्टिबाधित छात्रों की सीखने और अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने के लिए टेबलेट प्रदान करता है. दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी, कर्मचारियों और छात्रों के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल पहुंच और आपातकालीन सेवा सुनिश्चित करने के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू की गयी है. इस दौरान 

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