15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हुई. इस त्योहार में मां दुर्गा के नौ रूप की हर दिन पूजा होती है. नवरात्र मां दुर्गा की उपासना के नौ दिन हैं जिसमें उनके नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री के रूप की आराधना की जाती है. ऐसा माना जाता है कि माता रानी ने हिमालय के यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था इसलिए उनका नाम शैलपुत्री रखा गया था. हम आज भारत की एक ऐसी महिला की बात करेंगे जिनकी उपलब्धि उन्हें खुद में अलग और विशेष बनाती है. जिनका काम हिमालय को चीरते हुए आसमान की ऊंचाइयों में ठीक उसी प्रकार अपने और अपनों के सम्मान और गर्व की रक्षा करना है जिस प्रकार मां शैलपुत्री ने सती का रूप धारण करते हुए किया था. हम बात कर रहे है भारत की पहली महिला ऑपरेशनल फाइटर पायलट भावना कांत के बारे में…
फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत, भारत की पहली महिला ऑपरेशनल फाइटर पायलट ने इतिहास रचा. बिहार के दरभंगा जिले की भावना की शुरुआती पढ़ाई बिहार में ही हुई. फिर आगे की पढ़ाई के लिए कोटा से बेंगलुरू का सफर भी उन्होंने तय किया. दिल में पायलट बनने के सपने और जुनून ने उन्हें राह दिखाई और वह AFCAT की परीक्षा पास करने में सफल रही. एयरफोर्स में भर्ती होने के बाद ट्रेनिंग के पहले चरण में उन्होंने फाइटर स्ट्रीम का चुनाव किया.
जून 2016 में, भावना कांत ने हैदराबाद के हाकिमपेट वायु सेना स्टेशन में किरण इंटरमीडिएट जेट ट्रेनर्स पर छह महीने का दूसरे चरण का प्रशिक्षण लिया, जिसके तुरंत बाद उन्हें डंडीगल में वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड स्प्रिंग टर्म में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन कर दिया गया. साथ ही अपनी दो साथी अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह के साथ सेलेक्ट हुई भावना, उनसे पहले ही ट्रेनिंग पूरी कर भारत की पहली महिला ऑपरेशनल फाइटर पायलट बन गई.
बता दें कि फ्लाइट लेंफ्टिनेंट भावना कांत नवंबर 2017 में फाइटर पायलट के तौर पर वायुसेना में शामिल हुई थीं. भावना ने मार्च 2018 में मिग-21 बायसन एयरक्राफ्ट में अकेले उड़ान भरी थी, जिसके बाद से अब तक उनकी ट्रेनिंग चलती रही. भावना इंडियन एयरफोर्स में शामिल होने वाली महिलाओं के पहले बैच की एकलौती मेंबर हैं जो ऑपरेशनल फाइटर हैं.
भारत सरकार की ओर से प्रयोग के आधार पर महिलाओं के लिए भारतीय वायु सेना में फाइटर स्ट्रीम खोलने का निर्णय लिया गया था. इसमें भारत की तीन बेटियों का चयन हुआ था. भावना कांत, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी. साल 2019 में लड़ाकू अभियानों के लिए तैयार भारत की पहली महिला फाइटर पायलट भावना कांत कई लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी. लोगों ने सपने देखना शुरू कर दिया. कई लड़कियों की सोच को ताकत मिली जो इन जैसा करना चाहती थी.
भारत की ये बेटियां और इनके कारनामे इन्हें विशेष बनाते है. खुद सफल होने के लिए मेहनत तो सब करते है मगर, इनकी सफलता की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा साबित होती है. जिस तरह मां दुर्गा की पहली रूप शैलपुत्री शक्ति का प्रतीक है. एक हाथ में कमल फूल दूसरे में त्रिशूल है, ठीक उसी तरह भारत की इस बेटी ने भी विद्या और दुश्मनों से लड़ने के लिए हथियार दोनों उठाया है ताकि भारत की अस्मिता पर कोई आंच ना आए.