कोरोना संक्रमण की इस महामारी ने सभी को डरा दिया है. कोरोना का खौफ इतना बढ़ गया है कि वसीयत बनाने वालों की भीड़ वकीलों के पास बढ़ गयी है. पिछले डेढ़ माह में वकील और लॉ फर्मों के पास वसीयत बनवाने वाले लोगों की भीड़ अचानक बढ़ गई है.
जिन वर्गो ने सबसे ज्यादा वसीयत बनायी है उनमें 30 से 45 वर्ष के युवा प्रोफेशनल और व्यवसायी शामिल हैं. लोग अपनी संपति लिखवा रहे हैं ताकि उनके ना रहने के बाद उनके परिवार में विवाद ना हो. अक्सर परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद होता है. ऐसे में लोग नहीं चाहते कि उनके ना होने के बाद झगड़ा हो.
कोरोना संक्रमण के इस दौर में लोगों ने खुद के ना होने का डर लोगों के मन में है. ऐसे में हर तरह के प्रोफेशनल अपना वसियत बनाकर निश्चिंत होना चाहते हैं. एक वेबसाइट में छपी खबर के अनुसार इनमें कॉरपोरेट, रेस्त्रां मालिक, नौकरी पेशा लोग शामिल है. कोविड वैक्सीन की अनिश्चितता, लॉकडाउन और तीसरी लहर की आशंका ने लोगों के मन में चिंता बढ़ा दी है.
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देश में संक्रमण के मामलों में कमी आयी है लेकिन इस बीच कोरोना की तीसरी लहर ने संक्रमण के मामलों को लेकर लोगों की चिंता बढ़ा दी है. दूसरी तरफ भारत में आज पिछले 81 दिनों में सबसे बड़ी राहत मिली है. 60 हजार से नीचे आए डेली कोरोना केस ने लोगों को राहत दी है.
एक वकील ने बताया कि विल बनाने वालों की संख्या में अचानक से इजाफा हुआ है. पहले वैसे लोग अपना विल बनवाते थे जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है. इन लोगों की उम्र 55-60 साल की होती थी. मौजूदा समय में भारी संख्या में स्वस्थ और नौजवान लोगों ने भी विल बनवाना शुरू कर दिया है. वकील ने आशंका जाहिर करते हुए कहा, शायद मौजूदा दौर में कोरोना के कारण जीवन की अनिश्चितता इसका बड़ा कारण है.
कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादातर मामले युवाओं के सामने आये. कई लोगों की मौत असमय हो गयी. ऐसे में लोगों के मन में डर आ गया कि उनके निधन के बाद उनकी संपत्ति का क्या होगा ? क्या उनके ना होने के बाद लोग संपत्ति का बंटवारा ठीक ढंग से कर सकेंगे. पिछले माह सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, जिसमें अपनी कंपनी में लोन के लिए गारंटी देने वाले को दिवालिया कानून के तहत लाया गया है. इस फैसले ने भी विल के लिए लोगों को प्रेरित किया है.
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने बताया कि ज्यादातर विल म्युचुअल बन रही हैं, जिसमें पति या पत्नी एक दूसरे को संपत्ति का अधिकार दे रहे हैं. ज्यादातर लोगों की चिंता है कि उनके बाद उनके परिवार का उनकी नयी पीढ़ी का क्या होगा ? लोग यह विल बनवा कर निश्चिंत हो रहे हैं कि उनकी संपत्ति अगली पीढ़ी को चली जाये . युवा प्रोफेशनल जब तक 40 की उम्र में पहुंचते हैं तो वे प्रॉपर्टी और शेयर में काफी पैसा बना चुके होते हैं। इस संपत्ति को सुरक्षित करने की चाह ही विल बनवाने पर जोर दे रही है.
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अगर आप भी अपनी विल तैयार कर लेना चाहते हैं तो इसकी प्रक्रिया बेहद आसान है. आपको वकील से मिलना है आप जिनके नाम संपत्ति करना चाहते हैं उनका नाम बताना है और दो गवाहों का हस्ताक्षर रखना है जो आपके ना होने पर यह बता सकें कि आपकी मौजूदगी में यह विल बनी है, विल में आपका हस्ताक्षर भी होना जरूरी होगा वसीयत भारतीय उत्तराधिकार कानून, 1925 की धारा 59 के तहत बनाई जाती है, जो स्वयं अर्जित संपत्ति पर ही लागू है. इस विल को कभी बदला नहीं जा सकता तो यह पुख्ता हो जाती है.