नयी दिल्ली : तिब्बत पर अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ चीन की नजर अब तिब्बत की सीमा से लगनेवाले दूसरे देशों पर भी है. चीन अब भारत, भूटान और नेपाल की सीमा से लगनेवाले गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े निर्माण कार्य कर रहा है. इस बात का खुलासा चीनी सरकार द्वारा तिब्बत पर जारी श्वेत पत्र से हुआ है.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने भी सूचनाएं जुटायी हैं कि चीन झिंजियांग से अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी के सीमावर्ती गांवों में निर्माण कार्य कर रहा है. सूचनाओं के मुताबिक, इन गांवों में चीन ने कोरोना महामारी के दौरान भी घरों का निर्माण करने के साथ-साथ सड़कों का निर्माण कार्य तेजी से किया है.
चीन ने झिंजियांग से भूटान तक एलएसी के करीब गांवों में निर्माण के साथ-साथ भारत पर दबाव बनाने के लिए सैन्य सुविधाओं और हवाई अड्डे जैसे बहूपयोगी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है. चीन ने तिब्बत की करीब चार हजार किलोमीटर की सीमा से सटे गांवों के निर्माण में व्यवस्थित तरीके से पैसे का निवेश किया है.
‘तिब्बत 1951 से : मुक्ति, विकास और समृद्धि’ नामक दस्तावेज में कहा गया है कि साल 2020 के अंत तक सीमावर्ती गांवों को राजमार्गों से बेहतर ढंग से जोड़ा गया था. साथ ही सभी गावों तक मोबाइल संचार की भी पहुंच हो चुकी थी. साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास करने के साथ-साथ तिब्बत के लोगों के जीवन में सुधार को लेकर यह कदम उठाये जाने की बात कही गयी है.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांवों के लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि घरों और सड़कों का निर्माण कार्य महामारी के दौरान तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है. मालूम हो कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साल 2012 में सत्ता में आने के बाद चीन की सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी थी.