कोविड 19 महामारी के कारण इस बार देशभर में काफी सीमित संख्या में रामलीला का आयोजन हुआ, लेकिन अयोध्या की रामलीला अनूठी रही. यहां के रामलीला का आकर्षण इतना ज्यादा था कि लोग चाहकर भी इस रामकथा से खुद को दूर नहीं रख पाये. हालांकि अयोध्या में भी रामलीला के आयोजन को लेकर गाइडलाइन जारी की गयी थी, बावजूद इसके यहां रामकथा जीवंत हो उठी
रामलीला में हनुमान का चरित्र बहुत ही महत्वपूर्ण है. हनुमान की भूमिका दारा सिंह के बेटे बिंदू ने निभाया और वे छा गये. लंका दहन के दृश्य से दर्शक रोमांचित हुए. राम-सुग्रीव मित्रता, बालीवध, सीता की खोज व लंकादहन की मनोहारी लीला में हनुमान बने बिंदू दारा सिंह का अभिनय सराहा गया. स्पेशल तकनीक से समुद्र पार करते हुए उड़ते हनुमान और जलती लंका के दृश्य जीवंत हो गए.
राम-हनुमान मिलन की लीला ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया. इसके बाद के दृश्य में राम लक्ष्मण को अपने कंधे पर बिठाकर हनुमान सुग्रीव के पास ले जाते हैं. राम सुग्रीव को बाली को युद्ध के लिए ललकारने को कहते हैं. सुग्रीव बाली को युद्ध के लिए ललकारते हैं. दूसरी बार के प्रयास में भगवान राम बाली का वध कर देते हैं. वध के बाद भगवान राम व बाली के संवाद ने भी प्रभावित किया.
रामलीला में कुंभकरण वध और मेघनाथ वध की लीला ने दर्शकों को खूब रोमांचित किया. हनुमान संजीवनी बूटी लेकर आते हैं. सुषेण वैद्य बूटी लक्ष्मण को खिलाते हैं. लक्ष्मण तुरंत मूर्छा से उठ जाते हैं. उनके पुन: जीवित होते ही जय श्री राम के जयकारे लगने लगते हैं.
दूसरे दृश्य में रावण को लक्ष्मण के जीवित होने का समाचार मिलता है तो वह दुखी हो जाता है. रावण कुंभकरण को नींद से जगाने का आदेश देता है. सभी ढोल नगाड़े लाकर बजाते हैं। कुंभकरण जागता है और कहते हैं भैया इस घोर निंद्रा से जगाने का क्या कारण है. रावण कुंभकरण को राम लक्ष्मण के बारे में बताता है, सीता हरण की जानकारी देता है. रावण के निर्देश पर सैनिक कुंभकरण को मदिरा एवं भोजन पान कराते हैं. इसके बाद राम व कुंभकरण का युद्ध होता है. जिसमें कुंभकरण मारा जाता है.
Posted By : Rajneesh Anand