Dussehra 2020, vijayadashami 2020: कोविड-19 संकट की वजह से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर नहीं होगा विजया मिलन
Dussehra 2020, vijayadashami 2020, Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर इस वर्ष दशहरा के अवसर पर हर वर्ष होने वाला ‘विजया मिलन’ का कार्यक्रम नहीं होगा. यह जानकारी तृणमूल कांग्रेस ने दी है. पार्टी ने कहा है कि विजय दशमी के मौके पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय सह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के निवास पर शुभचिंतक इस साल महामारी के चलते एकत्रित नहीं होंगे.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर इस वर्ष दशहरा के अवसर पर हर वर्ष होने वाला ‘विजया मिलन’ का कार्यक्रम नहीं होगा. यह जानकारी तृणमूल कांग्रेस ने दी है. पार्टी ने कहा है कि विजय दशमी के मौके पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय सह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के निवास पर शुभचिंतक इस साल महामारी के चलते एकत्रित नहीं होंगे.
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों और विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों से आग्रह किया है कि वे कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए विजय दशमी की बधाई के अदान-प्रदान के लिए कालीघाट स्थित पार्टी कार्यालय सह बनर्जी के निवास पर न जायें.
राज्य के शिक्षा मंत्री श्री चटर्जी ने कहा, ‘हम जानते हैं कि हर साल लोग विजय दशमी के अवसर पर और बाद में उनके (ममता बनर्जी) कालीघाट निवास पर आते हैं. कोविड-19 की स्थिति और सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री इस बार इस तरह के कार्यक्रम में भाग नहीं ले पायेंगी. अन्य माध्यमों से विजय दशमी की बधाई का अदान-प्रदान करने की सलाह दी जाती है.’
विजय दशमी की शाम में बंगाल के लोग आपस में एक दूसरे को ‘शुभो विजया’ की बधाई देते हैं और आमतौर पर एक-दूसरे के घरों में मिठाइयां खाते हैं. बधाई देने का सिलिसला कालीपूजा तक चलता है. पश्चिम बंगाल में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. मौत के आंकड़े भी कम नहीं हो रहे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री ने इस बार अपने आवास पर विजया मिलन का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है.
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष (रविवार) 25 अक्टूबर, 2020 को विजय दशमी पड़ रहा है. हर साल दिन में मां दुर्गा के विसर्जन से पहले महिलाएं सिंदूर खेलती थीं, लेकिन कोरोना संकट के कारण पहली बार यह परंपरा भी टूट रही है. महिलाओं को दुर्गा पूजा के पंडाल में सिंदूर खेलने की इजाजत नहीं दी गयी है. इससे पहले कलकत्ता हाइकोर्ट ने पूजा पंडालों में आम लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी थी.
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Posted By : Mithilesh Jha