केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनका डेटाबेस तैयार करने के लिए ई-श्रम पोर्टल की शुरूआत की थी. इसकी शुरूआत कोरोना की पहली लहर में प्रवासी मजदूरों की स्थिति को देखते हुए वर्ष 2021 में की गई थी. वहीं, सरकार की इस योजना के तहत अब तक करीब 18 करोड़ लोगों ने पंजीकरण करवा लिया हैं. लेकिन अभी भी इसे लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. हालांकि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय लगातार इससे जुड़ी जानकारियां साझा करता है. तो आइए जानते हैं इससे जुड़े महत्वपूर्ण सवालों के जवाब…
क्या स्ट्रीट वेंडर या घरेलू कामगार बनवा सकते हैं ई श्रमिक कार्ड
प्रवासी श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, कंस्ट्रक्शन वर्कर से लेकर कृषि श्रमिक और दूसरे कामगार जो ईपीएफओ या ईएसआईसी के सदस्य नहीं हैं वो भी ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके अलावा, घर के नौकर-नौकरानी, ट्यूशन पढ़ाने वाले, खाना बनाने वाले कुक, सफाई कर्मचारी, गार्ड, ब्यूटी पार्लर के वर्कर, नाई,दर्जी, मोची बढ़ई का काम करने वाले, प्लम्बर, बिजली का काम करने वाले इलेक्ट्रीशियन से लेकर रेजा कुली, ठेला वाले, रिक्शा चालक के अलावा ईंट भट्ठा मजदूर, खदान में काम करने वाले मूर्ति बनाने वाले, पत्थर तोड़ने वाले, होटल में नौकर या वेटर क्लर्क ऑपरेटर, सेल्समैन पंचर बनाने वाले, डेयरी वाले, रिसेप्शन में काम करने वाले, चाट-भेल वाले ई-श्रमिक कार्ड बनवा सकते हैं.
इसके अलावा भी मंदिर के पूजारी, सरकारी कार्यालय में दैनिक वेतन भोगी या यूं कहें कि आपके आसपास दिखने वाले सभी कामगार ई-श्रमिक कार्ड बनावा सकते हैं.
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ई-श्रमिक कार्ड के फायदे
ई-श्रमिक कार्ड की वैद्यता देश के हर राज्य में है. इसे बनवाने के बाद श्रमिकों कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. दुर्घटना बीमा के अलावा पीएमएसबीवाई के तहत आंशिक विकलांगता पर 1 लाख रुपए और स्थाई रूप से विकलांगता पर 2 लाख तक का बीमा की सुविधा मिलती है. वहीं, यूपी सरकार मार्च तक 500 रूपए हर महीना दे रही है.