E20 फ्यूल का 1 अप्रैल 2023 से शुरू होगा फेजवाइज रोलआउट : पेट्रोलिम मंत्री हरदीप पुरी

E20 ईंधन की योजनाबद्ध शुरूआत का उद्देश्य जीवाश्म आधारित ईंधन पर निर्भरता को कम करना और वाहनों के उत्सर्जन को कम करना है, ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके.

By Rajneesh Anand | January 10, 2023 6:29 PM
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केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने आज कहा कि देश अपनी कुल तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का 50 प्रतिशत आयात के जरिये पूरा करता है. इस आयात को कम करने और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए गन्ना और अन्य कृषि उपज से प्राप्त एथनॉल को पेट्रोल में मिलाया जा रहा है ताकि आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके. पेट्रोल में 2025 तक 20 प्रतिशत एथनाॅल मिलाने का लक्ष्य है, जिसपर सरकार काम कर रही है.

ई20 फ्यूल में 20 प्रतिशत इथेनाॅल

E20 फ्यूल के बारे में हरदीप पुरी ने बताया कि इसका फेजवाइज रोलआउट 1 अप्रैल 2023 से शुरू होगा. E20 फ्यूल इथेनॉल का 20% और जीवाश्म आधारित ईंधन का 80% मिश्रण होगा. E20 ईंधन की योजनाबद्ध शुरूआत का उद्देश्य जीवाश्म आधारित ईंधन पर निर्भरता को कम करना और वाहनों के उत्सर्जन को कम करना है, ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके.

एनर्जी ट्रांजिशन की ओर जा रहा देश

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज कहा है कि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकर एनर्जी ट्रांजिशन की ओर जा रही है जिसके तहत वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना तथा गैस एवं हरित हाइड्रोजन को अपनाना है. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि सरकार हरियाणा में पानीपत (पराली), पंजाब में बठिंडा, ओडिशा में बरगढ़ (पराली), असम में नुमालीगढ़ (बांस) और कर्नाटक में देवाणगेरे समेत कई स्थानों पर पांच 2जी इथेनॉल बायो रिफाइनरी भी स्थापित कर रही है.

कोयला और पेट्रोल पर कम की जायेगी निर्भरता

सरकार ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे पूरा करने के लिए एक ओर तो सरकार सोलर एनर्जी पर फोकस कर रही है, वहीं हाल ही में सरकार ने हाइड्रोजन नीति को मंजूरी दी है. सरकार यह प्रयास कर रही है कि कोयला और पेट्रोल पर से निर्भरता कम की जाये. इसके लिए सरकार हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने पर जोर दे रही है.

ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार ले चुकी है संकल्प

ग्रीन एनर्जी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए मोदी सरकार दृढ़ संकल्प ले चुकी है. यह कहना इसलिए सही मालूम हो रहा है क्योंकि सरकार एक के बाद एक फैसले ले रही है जो ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने वाले हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए हितकारी हैं.

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