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E20 Fuel: पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से क्या होगा फायदा? इसका आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर? जानें विस्तार से

सरकार बीते कुछ समय से एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल प्रोग्राम को काफी बढ़ावा दे रही है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह प्रोग्राम है क्या और इसके क्या फायदे हैं. अगर आपके दिमाग में ऐसे ही सवाल आ रहे हैं तो आज हम आपको इस प्रोग्राम के बारे में सबकुछ बताने वाले हैं.

E20 Fuel Launched: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (Fuel E20) को लॉन्च कर दिया है. इस फ्यूल को प्रधानमंत्री मोदी ने भारत ऊर्जा सप्ताह के दौरान किया. यह प्रोग्राम आज शुरू हुआ है और 8 फरवरी तक चलेगी. फॉसिल फ्यूल को बढ़ावा देने के लिए फ्यूल E20 की शुरुआत की गयी है और शुरूआती दौर में इसकी बिक्री 11 राज्यों और सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा शासित 84 पेट्रोल पम्पों में इसकी बिक्री भी शुरू की गयी है. अब आपके दिमाग में यह सवाल तो जरूर आ रहा होगा कि आखिर यह है क्या और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं? क्या इसका असर आपके जेब पर पड़ेगा? अगर ऐसे सवाल आपके दिमाग में भी आ रहे हैं तो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके लिए कई चीजें साफ हो जाएंगी.

क्या है फ्यूल E20

एथेनॉल एक कार्बन कंपाउंड, एथिल अल्कोहल है, यह बायोमास से बना हुआ ईंधन होता है. इसका इस्तेमाल शराब जैसे पीने वाले पदार्थों में किया जाता है. इसमें गैसोलीन की तुलना में हाई ऑक्टेन संख्या होती है. बता दें एथेनॉल में पानी की जो मात्रा होती है वह नाममात्र ही होती है. एथेनॉल एक कृषि अवशेष है जिसे मुख्य रूप से गन्ने से निकाला जाता है. केवल यही नहीं इसे चावल की भूसी और मकई जैसे कई अन्य सोर्स से भी इस्तेमाल कर सकते हैं. मौजूदा समय में वाहनों में इस्तेमाल किये जाने वाले फ्यूल में 10 प्रतिशत इथेनॉल का इस्तेमाल किया जाता है. बता दें भारत सरकार का लक्ष्य साल 2025 तक 20 प्रतिशत सम्मिश्रण को पूरी तरह से हासिल करने का है.

Fuel E20 कैसे करता है काम?

एथेनॉल में ऑक्सीजन की मात्रा अच्छी होती है जिस वजह से इसे जलने में काफी मदद मिलती है. ऐसा होने की वजह से उत्सर्जन कम होता है. बता दें वाहनों में इथेनॉल का इस्तेमाल पूर्ण रूप से किया जा सकता है. लेकिन , ऐसा करना उतना आसान भी नहीं है. इसके लिए वाहनों के कुछ हिस्सों को बदलना भी पड़ सकता है. फिलहाल इस फ्यूल को मौजूदा पेट्रोल में मिलाकर सही तरीके से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

एथेनॉल की कीमत क्या है

एथेनॉल की कीमत उसके सोर्स के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है. अगर यह फ्यूल गन्ने से प्राप्त की गयी है तो इसके मूल्यों की मंजूरी आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति देती है. वहीं, खाद्यान्न से उत्पन्न एथेनॉल की कीमत का फैसला तेल मार्केटिंग कंपनियां करती हैं. विभिन्न तरीको से प्राप्त किये गए एथेनॉल फ्यूल की कीमतों पर नजर डालें तो, C हैवी मौलेसेस रूट से प्राप्त एथेनॉल की कीमत 49.41 रुपये, B हैवी मौलेसेस रूट से एथेनॉल की कीमत 60.73 रुपये और गन्ने के रस या चीनी के सीरप रूट से प्राप्त एथेनॉल की कीमत 65.61 रुपये प्रति लीटर हो जाती है. सरकार इस फ्यूल पर जीएसटी अलग से जोड़ती है.

सरकार इसे क्यों दे रही बढ़ावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में भारत में एथेनॉल मिश्रण 2020-25 के नाम से एक प्लान तैयार किया था. इस प्लान के जरिये 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का टारगेट हासिल करने के लिए एक डिटेल्ड ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है. सरकार इस फ्यूल को बढ़ावा दे रही है क्योंकि, सरकार का इसके पीछे देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देना, फ्यूल के इम्पोर्ट को कम करना, विदेशी मुद्रा को बचाना, पर्यावरण संबंधी मुसीबतों से निपटना और घरेलु कृषि को बढ़ावा देना है.

एथेनॉल के फायदे

एथेनॉल के फायदों की बात करें तो इसके कई फायदे हैं. जैसे कि- इसका इस्तेमाल लम्बे समय तक फ्यूल के तौर पर किया जा सकता है. केवल यही नहीं इथेनॉल ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी काफी मददगार साबित होता है. एथेनॉल के कई अन्य फायदों की बात करें तो यह अन्य फ्यूल की तुलना में सस्ता है, एथेनॉल आसानी से मिलता है और यह फॉसिल फ्यूल पर हमारी निर्भरता को भी कम करता है.

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