Earth Hour 2022: भारत समेत पूरी दुनिया में शनिवार को अर्थ आवर मनाया गया. इसी कड़ी में प्रकृति और ग्रह के समर्थन में पूरे विश्व में आज रात 8.30 बजे से एक घंटे के लिए लाइटें बंद की गईं. बता दें कि ऊर्जा संरक्षण पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल मार्च के आखिरी शनिवार को दुनिया भर में मनाया जाने वाला अर्थ आवर गैर-जरूरी बिजली बंद करने के लिए प्रोत्साहित करता है. बता दें कि अर्थ आवर को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के लिए बनाया गया है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी राष्ट्रपति भवन में अर्थ आवर मनाया गया. अर्थ आवर के दौरान रात 8:30 से 9:30 बजे के बीच राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक की लाइटें बंद हुईं. अर्थ आवर खत्म होने के बाद राष्ट्रपति भवन में लाइटें जला दी गईं. वहीं, अर्थ आवर शुरू होने के बाद कोलकाता के हावड़ा ब्रिज का और मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) बिल्डिंग की लाइटों को बंद कर दिया गया.
#WATCH | Rashtrapati Bhavan in the national capital observes #EarthHour2022
People around the world switch off lights in support of nature & the planet on Saturday, 26 March 2022, between 8:30pm-9:30pm. pic.twitter.com/BfXEwZOAXi
— ANI (@ANI) March 26, 2022
अर्थ आवर दुनियाभर में एक वार्षिक रूप से मनाया कार्यक्रम है, लेकिन इसका असर लोगों पर लंबे समय तक होता है. इस दिन दुनियाभर में लोग एक घंटे के लिए बिजली की खपत को बंद कर देते हैं. इस कारण इसे अर्थ आवर कहा जाता है. यह कार्यक्रम दुनिया के कुछ चुनिंदा जमीनी कार्यक्रमों में से एक हैं, जिसमें करोड़ों की संख्या में लोग हिस्सा लेते हैं. अर्थ आवर डे को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया में ऊर्जा की बड़े स्तर पर खपत को बचाना और प्रकृति की सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना है.
अर्थ आवर डे की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है कि प्रकृति के नुकसान और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा पर जल्द से जल्द प्रकाश डालने को लेकर दुनिया भर के लाखों लोगों, व्यवसायों और नेताओं को एक साथ लाएं. प्रकृति के नुकसान और कोरोना महामारी के बढ़ते असर को देखते हुए अर्थ आवर दुनिया के लोगों को इस मुद्दे पर बोलने के लिए ऑनलाइन एकजुट करेंगा. अर्थ आवर का आयोजन साल 2007 से ही हर साल किया जा रहा है. दुनियाभर के सैकड़ों देशों के करोड़ों लोग हर साल इस वैश्विक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं. इस दिन दुनिया के कई ऐतिहासिक इमारतों की रौशनी को भी बंद कर दिया जाता है.