Earthquake in Afghanistan: अफगानिस्तान में बीते दिन आये विनाशकारी भूकंप ने मौत का तांडव मचा दिया. इस जलजले में 1000 लोगों से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, वहीं, 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. घायलों में कई लोगों की हालत नाजुक है. ऐसे में मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है. अफगानिस्तान में दशकों बाद आया यह सर्वाधिक विनाशकारी भूकंप था. बता दें, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 रही. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के दक्षिण पूर्व में था. इसके अलावा भारत के कर्नाटक और नेपाल की राजधानी काठमांडू में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.
अफगानिस्तान का पर्वतीय क्षेत्र और हिंदुकुश पर्वत से लगे दक्षिण एशिया के क्षेत्र लंबे समय से विनाशकारी भूकंप का सामना कर रहे है. कई बड़े भूकंप का यह क्षेत्र गवाह बन चुके हैं. दरअसल, इन पर्वतीय क्षेत्र में इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट आपस में टकरा रही हैं. इस कारण इन इलाकों में धरती के नीचे हमेशा हलचल मची रहती है और भूकंप आते हैं.
अब सवाल है कि आखिर भूकंप क्यों आता है. दरअसल, धरती की ऊपरी सतह टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है. साथ ही ये प्लेटें स्थिर न होकर गतिशील होती है. जब ये प्लेटें एक दूसरे की तरफ बढ़ती है तो इनमें आपस में टकराव होता है. इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे इलाके में हलचल होती है. यहीं भूकंप का कारण माना जाता है. एशियाई क्षेत्रों में हिमालय के आसपास का हिस्सा इंडियन प्लेट कहलाता है उसी तरह अफगानिस्तान में यूरेशियन प्लेट है. और आगे बढ़ने पर अरब प्लेट आ जाता है.
धरती पर हर वक्त हलचल होती रहती है. भूकंप भी आता रहता है. लेकिन भूकंप खतरनाक तब हो जाता है जब रिक्टर पैमाने पर यह साढ़े 5 से ऊपर हो. वहीं, 6 और इससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप बेहद खतरनाक होता है. लोगों को भूकंप से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए और उससे बचाव के न्यूनतम तौर तरीके जानना चाहिए, ताकि वे इससे अपनी रक्षा कर सकें. आइए जानें कैसे भूकंप से बच सकते हैं .
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भूकंप आने पर घर से बाहर निकलकर खुले में जाने की कोशिश करें.
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बड़ी इमारत और पेड़ के पास न खड़े हों.
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ऊंची इमारतों में रहने वाले भूकंप आने पर नीचे जाने के लिए लिफ्ट का उपयोग न करे.
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किसी भी पुल या ब्रिज के पास न खड़े हो.
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भूकंप आने पर घर के अंदर हो तो किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं
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मलबे में दबे होने की सूरत में कभी भी हिलडुल ना करें, बल्कि हाथों से दीवार को हल्के-हल्के थपथपाएं.