महाराष्ट्र के नासिक में लगा भूकंप का झटका, रिक्टर स्केल पर स्पीड 4.0, जानें लेटेस्ट अपडेट

earthquake in india, pune, nashik, mumbai, weather news alert : महाराष्ट्र के नासिक जिले के आसपास देर रात भूकंप का झटका महसूस किया गया. बताया जा रहा है कि इस भूकंप की तीव्रता 4.0 था. भूकंप के झटका लगने के बाद लोग घरों से बाहर निकल गये. हालांकि अभी तक भूकंप से कोई हताहत की सूचना नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2020 7:41 AM

महाराष्ट्र के नासिक जिले के आसपास देर रात भूकंप का झटका महसूस किया गया. बताया जा रहा है कि इस भूकंप की तीव्रता 4.0 था. भूकंप के झटका लगने के बाद लोग घरों से बाहर निकल गये. हालांकि अभी तक भूकंप से कोई हताहत की सूचना नहीं है.

भारतीय मंसम विभाग के अनुसार देर रात तकरीबन 11.41 मिनट पर नासिक के आसपास के इलाकों में भूकंप का झटका महसूस किया गया, जिसके बाद लोग घरों से बाहर निकल गए. वहीं मौसम विभाग ने बताया कि महाराष्ट्र के पश्चिमी क्षेत्र में भी 2.0 स्पीड वाला भूकंप का झटका महसूस किया गया.

दुर्गापुर में आया था भूकंप– बता दें कि बीते हफ्ते ही पश्चिम बंगाल में 4.1 तीव्रता का भूकंप आया. इसका असर झारखंड की उप-राजधानी दुमका में भी दिखा. बंगाल में आये भूकंप के झटके को दुमका के लोगों ने भी महसूस किया. बंगाल के दुर्गापुर में जिस वक्त भूकंप के झटके महसूस किये गये, अधिकतर लोग सोकर उठे ही थे. जिन लोगों ने भूकंप के झटके को महसूस किया, वे लोग अपने घरों से बाहर निकल आये.

भूकंप आने का कारण- भूकंप आने क सबसे बड़ा कारण धरती के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. ज्यादा दबाव बनने लगता है तो प्लेट्स टूट जाती है जिससे एनर्जी बाहर आती है इसी के बाद भूकंप आता है.

भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप के झटके महसूस होते रहते है. टेक्टॉनिक प्लेटों में टक्कर के कारण ही भारतीय उपमहाद्वीप में अक्सर भूकंप आते हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि भूजल में कमी से टेक्टॉनिक प्लेटों की गति में धीमी हुई है.

वहीं भूकंप की इतिहास की बात करे तो भूकंप का इतिहास बताता है कि दिल्ली-एनसीआर में 1720 में दिल्ली में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था. मथुरा में सन 1803 में 6.8 तीव्रता, सन 1842 में मथुरा के पास 5.5 तीव्रता, बुलंदशहर के पास 1956 में 6.7 तीव्रता, फरीदाबाद में 1960 में 6 तीव्रता और मुरादाबाद के पास 1966 में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था. दिल्ली-एनसीआर की पहचान दूसरे सर्वाधिक भूकंपीय खतरे वाले क्षेत्र के रूप में की गयी है.

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Posted by : Avinish Kumar mishra

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