मिजोरम के चम्फाई से 50 किमी पूर्व में 4.4 तीव्रता का भूकंप देर रात दर्ज किया गया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूंकप की गहराई जमीन से 13 किमी नीचे थी. इस भूकंप से किसी की जानमाल की हानि होने की कोई सूचना अबतक नहीं मिल सकी है.
An earthquake of magnitude 4.4 occurred 50km East of Champhai, Mizoram, at around 12:50am today. The depth of the earthquake was 13 km below the ground: National Center for Seismology pic.twitter.com/3bfHMp1o7m
— ANI (@ANI) September 6, 2022
गौरतलब है कि इससे पहले जम्मू कश्मीर 26 अगस्त को 3.4 और 2.8 तीव्रता के दो भूकंप दर्ज किए थे. वहीं, पिछले महीने केंद्र शासित प्रदेश के कटरा, डोडा, उधमपुर और किश्तवाड़ जिलों में भूकंप की 13 घटनाएं हुई थी. इसके अलावा अफगानिस्तान में भी धरती हिलने की खबर सामने आई थी. नेशनल सेट्र फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भी बीते दिनों भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.
चीन के दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत की लुडिंग काउंटी में सोमवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था. भूकंप से चेंगदू की प्रांतीय राजधानी में इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं थी. भूकंप से कम से कम 65 लोगों की मौत होने की सूचना है. वहीं, प्रांतीय राजधानी के दो करोड़ से ज्यादा लोग पहले ही कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पाबंदियों में रह रहे हैं. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार भूकंप से गार्जे तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र के मोक्शी शहर में इमारतें क्षतिग्रत हो गई हैं.
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मालूम हो कि हमारी धरती के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती है. घूमने के क्रम में जब दो प्लेट आपस में टकराती है, तो वहां कंपन होता है, जिसे फॉल्ट लाइन कहते हैं. वहीं, बार बार टकराने से प्लेट के कुछ हिस्से मुड़ने लगते हैं. ऐसे में जब प्लेट्स पर ज्यादा दबाव पड़ता है, तो यह टूटने के क्रम मे आ जाते हैं, जिससे नीचे बन रही ऊर्जा बाहर आने के लिए अपना रास्ता खोजती है, जो मुख्य रूप से भूकंप का कारण बनता है.