नई दिल्ली: असम के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष द्वारा चुनाव आयोग पर उठाए गए सवाल पर चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में यह आरोप लगाया था कि असम परिसीमन प्रक्रिया एक “पूर्व निर्धारित कदम” है और उन्हें लगता है कि इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और बीजेपी के बीच ‘मैच फिक्सिंग’ है.
वहीं इस मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कांग्रेस पार्टी के आरोप पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव आयोग किसी से निर्देश नहीं लेता है. एक आयोग के रूप में, हमारी प्रक्रिया दो नींवों पर निर्भर करती है – प्रकटीकरण और भागीदारी.” कानूनी ढांचे के भीतर न्याय के सिद्धांतों का पालन करते हुए आयोग काम करती है.
बताएं कि असम कांग्रेस के प्रमुख भूपेन बोरा ने कहा था कि वे दिल्ली गए थे और चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा था. जहां उन्होंने जिले की सीमाओं के पुनर्निर्धारण के बारे में कई संदेह उठाए थे लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. उन्होंने कहा था, ‘हम चुनाव आयोग से मिलने और चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले हमें अपने सवालों का जवाब चाहिए.
इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक और असम के विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने सोमवार को कहा था कि चुनाव आयोग केवल 10-15 मिनट दे रहे हैं और हमें नहीं लगता कि इतने कम समय के लिए उनसे मिलने से कोई लाभ है. पूरे मामले पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने जोर देकर कहा कि वह सभी राजनीतिक दलों से परामर्श करना चाहता है. उन्होंने बताया कि किसी भी अन्य पार्टी से पहले, जनवरी में ही कांग्रेस पार्टी को मिलने का समय दिया था.