Aadhaar को Voter ID से लिंक करेगा ECI, सुप्रीम कोर्ट ने सुरजेवाला से कहा- दिल्ली हाईकोर्ट जायें

Aadhaar Card Linking With Voter Identity Card: निर्वाचन आयोग आधार कार्ड से मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने की कवायद कर रहा है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस कार्यवाही को असंवैधानिक करार देने की मांग की है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने रणदीप सिंह सुरजेवाला के वकील को दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2022 5:04 PM

Aadhaar Card Linking With Voter Identity Card: निर्वाचन आयोग मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड (Aadhaar Card) से जोड़ने के लिए 1 अगस्त से अभियान शुरू करने वाला है. महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीकांत देशपांडे ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वोटर कार्ड (Voter Card) को आधार से जोड़ा जायेगा, ताकि फर्जी मतदाताओं की पहचान की जा सके. इसका फायदा यह होगा कि एक मतदाता कई जगहों पर अपना नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं करवा पायेंगे.

सुरजेवाला को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट भेजा

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची को आधार से जोड़ने (Aadhaar Card Linking With Voter Identity Card) के प्रावधान संबंधी चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाले कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) से सोमवार को हाईकोर्ट का रुख करने को कहा. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने सुरजेवाला के वकील से पूछा कि उन्होंने पहले हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया?

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कोर्ट ने सुरजेवाला के वकील से पूछा- आप यहां क्यों आये हैं?

पीठ ने कहा, ‘आप दिल्ली हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? आपके पास समान समाधान होगा. आप चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम 2021 की धारा 4 और 5 को चुनौती दे रहे हैं. आप यहां क्यों आये हैं? आप दिल्ली हाईकोर्ट जा सकते हैं.’ कांग्रेस नेता की तरफ से पेश वकील ने कहा कि अगले छह महीनों में तीन अलग-अलग राज्यों में चुनाव होंगे.

सुरजेवाला ने चुनाव कानून अधिनियम को दी है चुनौती

पीठ ने कहा, ‘कानून में उपलब्ध उपचार के मद्देनजर हम याचिकाकर्ता को सक्षम हाईकोर्ट के समक्ष (संविधान के) अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर करने की स्वतंत्रता देते हैं.’ शीर्ष अदालत चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 की धारा 4 और 5 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली सुरजेवाला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

आधार और मतदाता पहचान पत्र को जोड़ना तर्कहीन

याचिका में कहा गया कि संशोधन का मकसद ‘दो पूरी तरह से अलग दस्तावेजों (उनके डेटा के साथ) यानी निवास (स्थायी या अस्थायी) के प्रमाण आधार कार्ड और नागरिकता के प्रमाण मतदाता पहचान पत्र को जोड़ना है. इसलिए, यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि आधार (Aadhaar) और मतदाता पहचान पत्र (Voter Identity Card) को जोड़ना पूरी तरह से तर्कहीन है.’

आधार को वोटर आईडी से जोड़ने को असंवैधानिक घोषित करें

याचिका में चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 की धाराएं 4 और 5 को नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते हुए इसे असंवैधानिक और संविधान के विपरीत घोषित करने का अनुरोध किया गया.

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