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10 साल से कम उम्र के बच्चों में साक्षरता की दर बंगाल में सबसे अच्छी, जानें बिहार-झारखंड का हाल…

आर्थिक सलाहकार परिषद की ओर से कहा गया कि शीर्ष अंक हासिल करने वाले राज्य क्रमशः केरल (67.95) और पश्चिम बंगाल (58.95) क्रमश: छोटे और बड़े राज्यों में शामिल हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2021 8:52 PM

देश में 10 साल से कम उम्र के बच्चों में साक्षरता की दर बड़े राज्यों की श्रेणी में बंगाल में सबसे अच्छी रही, जबकि बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा. वहीं छोटे राज्यों की श्रेणी में केरल का प्रदर्शन सबसे बेहतर और झारखंड का सबसे खराब रहा.

जिन चार श्रेणियों में क्षेत्रों को विभाजित किया गया है उनमें बड़े राज्य, छोटे राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं. पीटीआई न्यूज के अनुसार इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस ने ‘आधारभूत साक्षरता और गणना पर सूचकांक’ के संबंध में रिपोर्ट तैयार की.

इस रिपोर्ट को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने जारी किया. रिपोर्ट में कहा गया कि सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करने की चुनौती कठिन है, फिर भी इसे हासिल करना असंभव नहीं है.

आर्थिक सलाहकार परिषद की ओर से कहा गया कि शीर्ष अंक हासिल करने वाले राज्य क्रमशः केरल (67.95) और पश्चिम बंगाल (58.95) क्रमश: छोटे और बड़े राज्यों में शामिल हैं. वहीं लक्षद्वीप (52.69) और मिजोरम (51.64) क्रमशः केंद्र शासित प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्य श्रेणी में शीर्ष अंक हासिल करने वाले क्षेत्र हैं.

सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में सबसे नीचे है, जबकि अरुणाचल प्रदेश पूर्वोत्तर श्रेणी में सबसे नीचे है. बयान के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दस साल से कम उम्र के बच्चों में मूलभूत शिक्षा की समग्र स्थिति की समझ स्थापित करते हुए आधारभूत साक्षरता और गणना पर सूचकांक इस दिशा में पहला कदम है.

इस रिपोर्ट को बनाने के लिए जिन मसलों पर ध्यान केंद्रित किया है वे हैं शैक्षिक बुनियादी ढांचा, शिक्षा तक पहुंच, बुनियादी स्वास्थ्य, सीखने के परिणाम और शासन. बयान में कहा गया है कि पांच स्तंभों में से यह देखा गया है कि राज्यों ने शासन में विशेष रूप से खराब प्रदर्शन किया है. परिषद के अनुसार राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक ने राष्ट्रीय औसत यानी 28.05 से नीचे अंक हासिल किए हैं.

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