Economic Survey 2021 : आर्थिक सर्वेक्षण कृषि को आधुनिक व्यवसाय के रूप में पेश करता है, पढ़ें क्या है अहम बातें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इस सर्वेक्षण में देश की आर्थिक स्थिति और भविष्य में होने वाले आर्थिक विकास का आंकलन किया गया. इस सर्वेक्षण में कृषि क्षेत्र में मजबूती दिखायी गयी है जिसकी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी सहाहना की गयी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इस सर्वेक्षण में देश की आर्थिक स्थिति और भविष्य में होने वाले आर्थिक विकास का आंकलन किया गया. इस सर्वेक्षण में कृषि क्षेत्र में मजबूती दिखायी गयी है जिसकी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी सहाहना की गयी है.
आर्थिक रिपोर्ट में इसे आधुनिक व्यवसाय के रूप में देखा जा रहा है. कृषि क्षेत्र की नीतियों में ‘तत्काल सुधार’ आवश्यकता पर जो दिया गया है ताकि इस क्षेत्र का मजबूती से स्वस्थ विकास हो सके. सर्वेक्षण में कहा गया है कि किसानों को बुनियादी शिक्षा और प्रशिक्षण के साथ उन्हें उत्पादक से एक उद्यमी की भूमिका को बदलने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए . सर्वेक्षण में सुझाव दिया गया है कि किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए ग्रामीण कृषि विद्यालयों की स्थापना का विकल्प खोजा जा सकता है.
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पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन सहित संबद्ध क्षेत्रों के संबंध में, सर्वेक्षण ने कहा कि ये क्षेत्र धीरे-धीरे कृषि आय और रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गए हैं. सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन में भारत के कृषि क्षेत्र ने बेहतर प्रदर्शन किया है. इसमें कहा गया है कि 2020-21 के दौरान अन्य क्षेत्रों में गिरावट के बीच कृषि और संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र का प्रदर्शन चमकदार रहा. चालू वित्त वर्ष में इस क्षेत्र में 3.4 प्रतिशत की वास्तविक वृद्धि का अनुमान है.
सर्वेक्षण के अनुसार, कृषि क्षेत्र को आत्मानिर्भर भारत पैकेज की घोषणाओं के तहत ऋण, बाजार सुधार और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग संबंधी विभिन्न उपायों से ‘नयी गति’ मिली है. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन सहित संबद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार के विभिन्न हस्तक्षेप, संबद्ध क्षेत्रों की क्षमता के समुचित दोहन के प्रति सरकार के संकल्प को प्रदर्शित करते हैं.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि ‘‘भारत में समावेशी विकास का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के विकास के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है और ग्रामीण क्षेत्र का विकास कृषि पर निर्भर है.” सर्वेक्षण में कहा गया है कि कृषि (वानिकी और मत्स्य पालन सहित) का भारत में सबसे बड़े निम्न-आय वर्ग के भाग्य पर असर पड़ता है, सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘हमें ग्रामीण आजीविका देने वाले क्षेत्र की जगह, कृषि को एक आधुनिक व्यावसायिक उद्यम वाले क्षेत्र के रूप में देखने के तरीके को विकसित करने की आवश्यकता है.” इसमें सिफारिश है कि कृषि उत्पादों के लिए पर्याप्त भंडारण, लाभकारी बाजार व फसल उत्पादन के बाद के प्रबंधन पर ध्यान दिया जाना चाहिए.”