प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी स्मार्टफोन VIVO और उसके जुड़ी 23 कंपनियों पर छापा मारा और 62 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. ईडी ने गुरुवार को कहा कि चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता वीवो की भारतीय इकाई ने यहां पर कर देनदारी से बचने के लिए अपने कुल कारोबार का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा यानी 62,476 करोड़ रुपये विदेशों में भेज दिए. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि वीवो इंडिया ने भारत में कर देने से बचने के लिए अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा चीन एवं कुछ अन्य देशों में भेज दिया है. विदेशों में भेजी गई राशि 62,476 करोड़ रुपये है जो उसके कारोबार का लगभग आधा हिस्सा है.
ईडी ने कहा कि वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एवं इसकी 23 संबद्ध कंपनियों के खिलाफ बुधवार को चलाए गए सघन तलाशी अभियान के बाद उनके बैंक खातों में जमा 465 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है. इसके अलावा 73 लाख रुपये की नकदी और दो किलोग्राम सोने की छड़ें भी जब्त की गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि वीवो के पूर्व निदेशक बिन लाऊ ने भारत में कई कंपनियां बनाने के बाद वर्ष 2018 में देश छोड़ दिया था. अब इन कंपनियों के वित्तीय ब्योरों पर जांच एजेंसी की नजरें हैं.
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प्रवर्तन निदेशालय ने यह आरोप भी लगाया है कि वीवो इंडिया के कर्मचारियों ने उसकी तलाशी अभियान के दौरान सहयोग नहीं किया और भागने एवं डिजिटल उपकरणों को छिपाने की कोशिश भी की. हालांकि एजेंसी की तलाशी टीमें इन डिजिटल सूचनाओं को हासिल करने में सफल रहीं.
छापेमारी के बाद भारत में चीन के दूतावास ने ईडी के प्रति विरोध प्रकट किया है. चीन दूतावास के एक अधिकारी ने कहा कि चीन की कंपनी के प्रति भारतीय जांच एजेंसियों का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है. चीनी कंपनी को विदेश में कारोबार करने के लिए हिदायत दी जाती है, इसके बाद भी इस तरह की कार्रवाई बिजनेस के लिए सही नहीं है. इसपर ईडी ने जवाब देते हुए कहा कि कार्रवाई नियमों के हिसाब से की गई है, और कानून का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है.
(इनपुट- भाषा)