मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक और आरोपी सचिन वाजे को सरकारी गवाह बनाने की अनुमति दे दी है. समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने एक ट्वीट में जानकारी दी है कि ईडी ने मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे को मनी लॉन्ड्रिंग में गवाह बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने इजाजत दे दी है. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने विशेष पीएमएलए अदालत में अपना जवाब दाखिल कर दिया है.
सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, सचिन वाजे द्वारा अदालत में दायर अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी को सरकारी गवाह बनाने की इजाजत दे दी है. सीबीआई की ओर से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में सचिन वाजे को सरकारी गवाह बनाया गया है. एएनआई ने अपने एक ट्वीट में जानकारी दी है कि ईडी ने मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे को मनी लॉन्ड्रिंग में गवाह बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने इजाजत दे दी है. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने विशेष पीएमएलए अदालत में अपना जवाब दाखिल कर दिया है.
Money laundering matter | ED allows dismissed Mumbai Police officer Sachin Waze to become an approver in the case – ED files a reply before Special PMLA Court.
(File photo) pic.twitter.com/6QyxMZnyfx
— ANI (@ANI) June 22, 2022
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सचिन वाजे ने इस साल की फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में सरकारी गवाह बनने की इजाजत मांगी थी. निदेशालय के अधिकारियों को लिखे पत्र में उसने कहा था कि उसे इस मामले में माफ किया जाना चाहिए और सरकारी गवाह बनाना चाहिए.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल के मई महीने में सीबीआई से मंजूरी मिलने के बाद मुंबई पुलिस के बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जबरन वसूली के मामले में सरकारी गवाह बनाया गया. इसके बाद नौ जून को सचिन वाजे ने विशेष अदालत की कोर्ट में अर्जी दाखिल की. इसमें उसने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रहे ईडी द्वारा माफी देने और सरकारी गवाह बनाने की मांग की गई थी. इस मामले में अनिल देशमुख को मुख्य आरोपी बनाया गया है.
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अदालत में दी गई अपनी अर्जी में सचिन वाजे ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल चार अलग-अलग मौकों पर 19 और 21 जून, 11 जुलाई और 11 दिसंबर को बयान दर्ज किए. यह बयान ईडी द्वारा अनिल देशमुख और अन्य पर लगाए गए आरोप में दर्ज किए गए. सचिन वाजे की अर्जी के बाद पीएमएलए की विशेष अदालत के जज जस्टिस आरएन रोकाडे ने दोनों पक्षों से अपना-अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.