नई दिल्ली : दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी से हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही खबर यह भी है कि ईडी की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की एक अदालत ने अरुण पिल्लई को 13 मार्च तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है. उधर, खबर यह भी है कि ईडी ने इसी दिल्ली शराब घोटाला मामले में केजरीवाल सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से तिहाड़ जेल में जाकर पूछताछ की है.
समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से एक ट्वीट के माध्यम से दी गई जानकारी के अनुसार, दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी से हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को गिरफ्तार कोर्ट में किया है. कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में आवश्यक पूछताछ के लिए अरुण पिल्लई को 13 मार्च तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है.
उधर, समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में एक और गिरफ्तारी की है. उसने सोमवार की शाम को हैदराबाद के शराब कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को हिरासत में लिया है. ईडी के अधिकारी धन शोधन रोकथाम कानून के तहत सिसोदिया का बयान दर्ज करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे.
सीबीआई ने 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और इसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और वह 20 मार्च न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने आम आदमी पार्टी (आप) के 51 वर्षीय नेता से पूछताछ के लिए अदालत से अनुमति ले ली है. सिसोदिया जेल की कोठरी संख्या एक में बंद हैं. ऐसी संभावना है कि एजेंसी ने उनसे कथित तौर पर सेलफोन बदलने और उन्हें नष्ट करने तथा दिल्ली के आबकारी मंत्री के तौर पर लिए नीतिगत निर्णयों और समयसीमा का पालन किए जाने को लेकर पूछताछ की. ईडी ने अदालत में दाखिल अपने पूरक आरोपपत्र में ये आरोप लगाए थे.
अगर जांच अधिकारी को ‘यह मानने की वजहें’ मिलती हैं कि व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का ‘दोषी’ है, तो ईडी मनीष सिसोदिया पर पीएमएलए की धारा-19 लगा सकती है और इसके तहत उसे मामले में शामिल या आरोपी लोगों को गिरफ्तार करने की अनुमति मिल जाती है. सीबीआई ने सिसोदिया की हिरासत के दौरान आबकारी नीति में कथित गड़बड़ी के संबंध में उनका सामना उनके पूर्व सचिव सी अरविंद और तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण से कराया था.
सीबीआई ने पिछले साल 25 नवंबर को दर्ज किए गए मामले के आरोपपत्र में सिसोदिया को आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया. ऐसा आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी. बहरहाल, आप ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है. बाद में यह नीति रद्द कर दी गई और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत आरोपियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया.
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इस बीच, अरुण पिल्लई को लंबी पूछताछ के बाद सोमवार शाम को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया और मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया. ईडी द्वारा इस मामले में यह 11वीं गिरफ्तारी है. अरुण पिल्लई ‘रॉबिन डिस्टिलरीज एलएलपी’ नामक कंपनी में साझेदार हैं. ईडी ने दावा किया कि यह कंपनी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी एवं विधान परिषद सदस्य के. कविता और अन्य से जुड़े कथित शराब कार्टल ‘साउथ ग्रुप’ का प्रतिनिधित्व करती है. पिल्लई गिरफ्तार शराब कारोबारी समीर महंदरू, उनकी पत्नी गीतिका महंदरू और उनकी कंपनी इंडोस्प्रिरिट ग्रुप से भी जुड़ा है.