प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंचकूला विशेष अदालत के निलंबित न्यायाधीश सुधीर परमार को कथित रिश्वतखोरी के आरोपों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया. आधिकारिक सूत्रों ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार, पूर्व न्यायाधीश को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दिल्ली के पास गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया. उन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है और ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी.
एजेंसी ने पहले इस मामले में पूर्व न्यायाधीश के भतीजे अजय परमार, रियल एस्टेट कंपनी ‘एम3एम’ के दो प्रवर्तकों बसंत बंसल व पंकज बंसल और एक अन्य रियल्टी समूह ‘आईआरईओ’ के मालिक व प्रबंध निदेशक (एमडी) ललित गोयल को गिरफ्तार किया था. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला अप्रैल में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पंचकूला में विशेष पीएमएलए अदालत में तैनात पूर्व विशेष सीबीआई व ईडी न्यायाधीश सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और एम3एम समूह के तीसरे प्रवर्तक रूप कुमार बंसल के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है.
ईडी ने कहा था कि एसीबी की प्राथमिकी के अनुसार विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि सुधीर परमार ईडी के आपराधिक मामलों और सीबीआई के अन्य लंबित मामलों में आरोपियों-रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और आईआरईओ के ललित गोयल की ‘तरफदारी’ कर रहे थे. ईडी ने एक बयान में कहा कि एसीबी की प्राथमिकी में कहा गया है कि ‘विश्वसनीय जानकारी के मुताबिक (न्यायाधीश मामले में) गंभीर कदाचार, आधिकारिक पद का दुरुपयोग और अपनी अदालत में लंबित मामलों में आरोपी व्यक्तियों से अनुचित लाभ/रिश्वत की लेने की घटनाएं देखी गईं.’
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एसीबी के मामला दर्ज करने के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुधीर परमार को निलंबित कर दिया था.