ED ने स्थल आवंटन घोटाले की जांच में एमयूडीए कार्यालय में दस्तावेजों की जांच शुरू की

ED ने इस मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी.

By Aman Kumar Pandey | October 18, 2024 2:35 PM

ED: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. को 14 स्थलों के आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) कार्यालय में दस्तावेजों की जांच शुरू की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. ईडी ने इस मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी, जो पुलिस की प्राथमिकी के समान होती है.

संघीय एजेंसी ने उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की संबंधित धाराएं भी लगाई हैं. सिद्धरमैया इसी मामले में लोकायुक्त जांच का भी सामना कर रहे हैं. लोकायुक्त द्वारा दर्ज मामले में आरोपियों में सिद्धरमैया की पत्नी, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे मल्लिकार्जुन स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दिया था) और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं.

क्या है MUDA मामला? 

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) एक स्वायत्त संस्था है, जिसे मैसूर शहर के विकास और नियोजन से जुड़े कार्यों के लिए स्थापित किया गया है. इसका मुख्य कार्य जमीनों का अधिग्रहण करना और शहर में आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रयोजनों के लिए भूमि का आवंटन करना है. इस संस्था का काम यह सुनिश्चित करना है कि मैसूर का विकास योजनाबद्ध तरीके से हो, जिसमें सड़कों, पार्कों और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण शामिल है.

MUDA का नाम जमीन घोटाले से जुड़े मामलों में इसलिए सामने आया क्योंकि 2004 के समय इस प्राधिकरण ने मुआवजे के रूप में जमीनों के पार्सल आवंटित किए थे. उस वक्त सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे, और आरोप यह है कि जमीन आवंटन प्रक्रिया में अनियमितताएं हुईं, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. आरोप यह भी है कि इस घोटाले में MUDA और राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता हो सकती है.

Next Article

Exit mobile version